UKSSSC Paper leak SCAM : हर परीक्षा की हर नियुक्ति का चार्ट बनाकर 21 सितंबर से पहले पेश करे धामी सरकार, पेपरलीक कांड पर नैनीताल हाईकोर्ट हुआ सख्त
UKSSSC Paper leak SCAM : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने विवादों में आई 5 भर्ती परीक्षाएं एक झटके में कर दीं निरस्त
UKSSSC Paper leak SCAM : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले में कांग्रेस विधायक भुवनचंद्र कापड़ी द्वारा उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से भर्ती परीक्षा को लेकर कई सवालों के जबाब मांगे हैं।
मालूम हो कि विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष व खटीमा से कांग्रेस विधायक भुवनचंद्र कापड़ी की ओर से मामले में नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High court) में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले में याचिका डाली थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। यूकेएसएसएससी (UKSSSC) परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं।
विपक्ष मामले में सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ एसटीएफ द्वारा जांच किए जा रहे इस मामले में सरकार ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिला रही है। लेकिन इस जांच को विपक्ष और प्रदेश के युवा पर्याप्त नहीं बता रहे हैं। दो राज्यों तक फैले नकल माफिया के संरक्षणदाताओ तक पहुंचने के लिए मामले की सीबीआई जांच की मांग सड़कों से लेकर न्यायालय तक में की जा रही है।
इसी मामले में दाखिल इस याचिका पर सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने यूकेएससीसी की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सरकार से पूछा है कि परीक्षा में किस-किस की नियुक्ति कैसे-कैसे हुईए उसका पूरा चार्ट बनाकर 21 सितम्बर से पहले दाखिल करें। हाईकोर्ट में आयोग की दिसंबर 2021 में हुई वीपीडीओ की भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सरकार से पूछा है कि यूकेएसएसएससी की परीक्षा में किस-किस की नियुक्ति कैसे-कैसे हुई, उसका पूरा चार्ट बनाकर कोर्ट में 21 सितंबर से पहले जवाब पेश करें। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी प्रार्थना पत्र में संशोधन कर एक सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है। नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की है।
यहां दोहराते चलें कि पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह बताने को कहा था कि वह इस मामले की जांच सीबीआई से क्यों कराना चाहते हैं और उनको एसटीएफ की जांच पर क्यों संदेह हो रहा है। कोर्ट के इस सवाल का विस्तृत जवाब देने के लिए याचिकाकर्ता ने कोर्ट से एक हफ्ते का समय और मांग लिया है।
कापड़ी का कहना था कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ जांच सही तरीके से नहीं कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं वह इस खेल में शामिल छोटे ही लोगों की हुई हैं, जबकि उत्तराखंड में सनसनी फैलाने वाले इस ऐतिहासिक घोटाले को अंजाम तक पहुंचाने वाले बड़े लोगों तक एसटीएफ के हाथ अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। इसमें यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी व नेता शामिल हैं। सरकार उनको बचा रही है। इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए।
जिन परीक्षाओं में घपले की बात सामने आई है वह साल 2021 में हुई थी। 22 जुलाई, 2022 को अनु सचिव राजन नैथानी ने रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर में कहा गया था कि व्हाट्सअप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रश्न हल कराए गए थे। एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जांच की शुरुआत की, जो सही पाई गई और जिसमें अब तक 38 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं।