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एक नम्बर के पियक्कड़ उत्तराखण्ड में चला रहे थे नशामुक्ति केन्द्र, मुख्यारोपी ने पूछताछ में किया खुलासा

Janjwar Desk
9 Aug 2021 3:00 PM GMT
एक नम्बर के पियक्कड़ उत्तराखण्ड में चला रहे थे नशामुक्ति केन्द्र, मुख्यारोपी ने पूछताछ में किया खुलासा
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(पुलिस की गिरफ्त में मुख्य आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी)

देहरादून के नशामुक्ति केन्द्र से भागी चार नाबालिग लड़कियों की बरामदगी से इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ था कि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी इन लड़कियों से रेप करता था....

सलीम मलिक की रिपोर्ट

देहरादून। उत्तराखंड में राजधानी देहरादून में नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में सोमवार को एक नया खुलासा हुआ है। मुख्य आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि नशामुक्ति केन्द्र में नशा छुड़ाने का दावा करने वाले यह लोग खुद ही ऊंचे दर्जे के ऐसे पियक्कड़ थे, जिनके मां-बाप इनका नशा छुड़ाने के लिए आये दिन इनको नशामुक्ति केंद्रों में पटकते रहते थे। सोमवार को ऋषिकेश के श्यामपुर से गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।

देहरादून के इस नशामुक्ति केन्द्र से भागी चार नाबालिग लड़कियों की बरामदगी से इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ था कि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी इन लड़कियों से रेप करता था। इस मामले की विस्तृत खबर जनज्वार पहले ही पब्लिश कर चुका है।

अब इस नशामुक्ति केन्द्र के संचालक और दुष्कर्म के मुख्य आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि रतूड़ी और सेन्टर की महिला वार्डन विभा देवी (विभा को पुलिस पहले ही अरेस्ट कर चुकी है) खुद ही न केवल अव्वल दर्जे के शराबी थे बल्कि रतूड़ी पहले भी एक मामले में जेलयात्रा कर चुका है। पुलिस पूछताछ में रतूड़ी ने अपनी जो पूरी कहानी बताई वह कुछ इस तरह है।

विद्यादत्त रतूड़ी के पिता कानपुर में एयरफोर्स में कर्मचारी थे। वहीं पिता के साथ रहने के दौरान वह शराब पीने का आदी हो गया था। इस दौरान उसका टिहरी में एक महिला के साथ संबंध भी रहा था। जिसके चलते वह वर्ष 2017 में टिहरी से जेल भी गया था। विद्यादत्त की हरकतों से परेशान होकर परिवार ने उसे वर्ष 2018 में नशा मुक्ति केंद्र एसजी फाउंडेशन सरस्वती विहार देहरादून में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान ही उसने उसी नशा मुक्ति केंद्र में स्टाफ के रूप में काम करना शुरू कर दिया था।

करीब 3 साल काम करने के दौरान ही विभा सिंह को भी शराब पीने की लत के कारण उसके परिजनों ने इसी नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। यहीं पर दोनों के बीच ऐसी केमिस्ट्री जमी कि उसने और विभा दोनों ने मिलकर अपना ही नशा मुक्ति केंद्र खोलने का प्लान बनाया। इस प्लान को दोनों ने इसी वर्ष 2021 में माह फरवरी में प्रकृति विहार क्लेमेंटाउन में अपना नशा मुक्ति केंद्र खोलकर मूर्त रूप दिया।

रतूड़ी ने बताया कि सेन्टर से लड़कियों के भागते ही उसे अपनी पोल खुलने का खतरा होने लगा था। इसीलिए लड़कियों के भागने के बाद जब विभा पुलिस में रिपोर्ट कराने थाने आई तो मैं अंदर न जाकर बाहर ही रुका रहा। जब मुझे यह पता लगा कि उन लड़कियों को पुलिस ने बरामद कर लिया है तो मैं समझ गया कि अब खेल खत्म हो गया है। मैंने अपने फोन से अपने दोनों सिम निकाल दिए तथा अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया था। लेकिन पुलिस ने मुझे ऋषिकेश के श्यामपुर इलाके से फिर भी पकड़ ही लिया।

इस मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी वॉर्डन विभा देवी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। केस के मुख्य आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी की भी सोमवार को गिरफ्तारी कर ली गयी है। जरूरी पूछताछ के बाद इसको कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।

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