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महिला की मौत के बाद अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, विपक्ष ने योगी सरकार के फैसले को बताया जनहित के खिलाफ

Janjwar Desk
28 Sept 2023 9:45 PM IST
महिला की मौत के बाद अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, विपक्ष ने योगी सरकार के फैसले को बताया जनहित के खिलाफ
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Amethi news : दिव्या शुक्ला नामक महिला रोगी को 14 सितंबर को डिलीवरी के लिए संजय गांधी अस्पताल में एडमिट कराया गया था, महिला के पति ने आरोप लगाया था कि डिलीवरी के लिए हुए ऑपरेशन के दौरान दिव्या को डॉक्टरों द्वारा एनेस्थीसिया की अधिक मात्रा दी गई थी, जिससे उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गयी....

लखनऊ। अमेठी में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है, जिसका भाकपा (माले) ने विरोध किया है। पार्टी ने विरोध जताते हुए कहा है कि अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने का योगी सरकार का फैसला जनहित के विरुद्ध है। अमेठी और आसपास के इलाके की हजारों जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करने वाले इस फैसले पर सरकार तत्परता से पुनर्विचार करे।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज 28 सितंबर को जारी एक बयान में कहा कि बेशक अस्पताल में ईलाज के दौरान महिला की मौत के दोषी दंडित हों और यदि अस्पताल के पास सर्जरी का लाइसेंस नहीं था, तो इस पर भी यथोचित कार्रवाई हो, मगर इसके आधार पर हजारों-हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले संस्थान को और उसके सारे विभागों को कलम के एक झटके से बंद कर देने के फैसले में कहां की समझदारी है। इस तरह का फैसला लेने से पहले इसके परवर्ती प्रभावों पर विचार नहीं किया गया। इसकी सजा क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं से मरहूम रहकर भुगतनी पड़ रही है। यह चिंताजनक है।

उत्तर प्रदेश के अमेठी में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने के खिलाफ कर्मचारियों और राजनीतिक दलों मैदान में उतर चुके हैं। 400 से अधिक कर्मचारियों ने अस्पताल गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है।

संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा ने कहा कि अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के स्वास्थ्य विभाग के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अस्पताल और अमेठी को अदालत से न्याय मिलेगा। संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस 17 सितंबर को दिव्या शुक्ला नामक महिला की मौत के बाद 18 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।

गौरतलब है कि संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस 17 सितंबर को दिव्या शुक्ला नामक महिला की मौत के बाद 18 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक दिव्या शुक्ला नामक महिला रोगी को 14 सितंबर को डिलीवरी के लिए संजय गांधी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। महिला के पति ने आरोप लगाया था कि डिलीवरी के लिए हुए ऑपरेशन के दौरान दिव्या को डॉक्टरों द्वारा एनेस्थीसिया की अधिक मात्रा दी गई थी, जिससे उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गयी।

इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अंशुमान सिंह ने मीडिया में दिये बयान में कहा कि ​मृतका दिव्या शुक्ला के ससुर राम कुमार पांडे ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए मांग की थी कि संबंधित अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। शिकायत के बाद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी राम प्रसाद के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की जांच टीम गठित हुई थी, जिसमें अस्पताल को दोषी पाया गया था और कार्रवाई के तौर पर उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।

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