आदिवासी क्षेत्रों के लिए 5.15 अरब रुपये के सौर ऊर्जा कार्यक्रम को मंजूरी, मगर क्या वाकई रोशन होंगे गरीब आदिवासियों के घर !
Tribe of India : एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में भारत सरकार ने आदिवासी समुदायों के जीवन में उजाला करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के आवासों और गांवों के लिए 5.15 अरब रुपये के सौर ऊर्जा कार्यक्रम को मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन क्षेत्रों में 1 लाख पीवीटीजी घरों को बिजली पहुंचाना है, जहां ग्रिड के माध्यम से बिजली आपूर्ति तकनीकी-आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।
यह कार्यक्रम 0.3 किलोवाट के ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणालियों के माध्यम से गांवों को बिजली प्रदान करेगा। इसका मतलब है कि इन दूरस्थ क्षेत्रों में परिवार अब रात में पढ़ाई कर सकेंगे, व्यवसाय बेहतर तरीके से चला सकेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसानी से पहुंच पाएंगे। यह पहल न केवल रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि स्थानीय उद्यमिता को भी बढ़ावा देगी। कारीगर और छोटे उद्योग अब टिकाऊ आजीविका के रास्ते पर चल सकेंगे, मगर यहां एक सवाल यह भी है कि क्या वाकई इस कार्यक्रम का लाभ गरीब आदिवासियों को मिल पायेगा।
जानकारी के मुताबिक पीएम जनजन्म कार्यक्रम के माध्यम से 100,000 पीवीटीजी परिवारों को सौर ऊर्जा प्रणालियां उपलब्ध कराई जाएंगी। यह कार्यक्रम भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सामाजिक और आर्थिक विकास के अलावा, यह पहल पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाएगी। इस कार्यक्रम ने देश के हर कोने में विकास की रोशनी फैलाने का मिशन लिया है। इस पहल का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी कम नहीं है। यह आदिवासी समुदायों को आधुनिक सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करती है और उन्हें राष्ट्र के विकास में भाग लेने का अवसर देती है। यह शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटने और सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने का एक बड़ा कदम है।
एमएनआरई इस कार्यक्रम के लिए धनराशि अपनी विकास कार्य योजना से लेगा। इसे तीन वर्षों में वितरित किया जाएगा। इसके तहत 2023-24 में 200 मिलियन रुपये, 2024-25 में 2.55 बिलियन रुपये और 2025-26 में 2.4 बिलियन रुपये वितरित किये जायेंगे। यह समर्पित बजट लाइन पीएम जनमन के लिए खोली गई है।