UP चुनाव 2022 : योगी सरकार को ब्राह्मण महासभा की खुली चुनौती, डॉन श्रीप्रकाश और विकास दुबे की लगेगी प्रतिमा
ब्राहमण महासभा ने चुनौती देते हुए श्रीप्रकाश और विकास दुबे की मूर्ति लगाने की बात कही है.
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी दलों पर 'ब्राह्मण' राजनीति हावी है। सभी राजनीकि पार्टियां ब्राह्मण वोटरों को मनाने में जुटी हैं। मंगलवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार को खुली चुनौती दे डाली है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब प्रदेश में डकैत फूलन देवी की प्रतिमा लगाने की शुरुआत हो सकती है तो विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की प्रतिमा क्यों नहीं लगाई जा सकती है। प्रदेश सरकार को जवाब देने का समय आ गया है। कानपुर के चौबेपुर में आयोजित ब्राह्मण महासम्मेलन में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी मुख्य अथिति के रूप में शामिल हुए। उन्होने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला किया।
राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने खुले मंच से हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की मूर्ति लगवाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री परशुराम का भव्य मंदिर बनवाया जाएगा। विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला को बताया महापुरुषसभा को संबोधित करते हुए राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश में आने वाले समय में विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की मूर्ति लगवाने का काम करूंगा।
उन्होने कहा कि सरकार को मेरे साथ जो करना हो कर ले। यदि मैं गुनहगार हूं, मैंने गुनाह किया है तो न्यायलय मुझे सजा दे, तुम कौन होते हो सजा देने वाले। मैं दोनों को महापुरुष मानता हूं, इन दोनों महापुरुषों की मूर्तियां लगावाने का काम करूंगा।एक बार फिर ब्राह्मण छला जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि डकैत फूलन देवी का प्रतिमा लग सकती है तो विकास दुबे और श्रीप्रकाश की प्रतिमा क्यों नहीं लग सकती है।
त्रिपाठी ने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव में हमारे समाज के लोग छल का शिकार होंगे। उन्हें धोखे से छला जाएगा। हमारे समाज के लोग पूछें यही अवसर है। अब तुम वोट मांगने आए हो, आज ब्राह्मणों पर प्रेम आ रहा है। उस दिन कहां थे, जब ब्राह्मणों के साथ अन्याय किया जा रहा था।
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद विकास दुबे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा गैंग्स्टर बनकर उभरा था। इससे पहले प्रदेश में श्रीप्रकाश शुक्ला के कद का कोई गैंगस्टर यूपी में नहीं था। यह दोनो ब्राहमण समुदाय से ताल्लुक रखते थे। इन दोनो को पुलिस एनकाउंटर में ढ़ेर करने के बाद सूबे में दोनो को लेकर राजनिती समय दर समय तेज होती रहती है। श्रीप्रकाश शुक्ला ने तब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मारने की सुपारी ले ली थी। जिसके बाद यूपी में एसटीएफ का गठन हुआ था।