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Chinese PLA Abducted Indian : चीनी आर्मी ने भारत में घुसकर 17 साल के लड़के को किया अगवा, BJP सांसद ने की PM मोदी से हस्तक्षेप की अपील
(चीन की सेना ने किया भारतीय युवक का अपहरण)
Chinese PLA Abducted Indian : चीन लगातार भारतीय भूभाग पर कब्जा कर रहा है और भारत की संप्रभुता को चुनौती दे रहा है, लेकिन अपने आपको विश्वगुरु मानने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को नफरत की राजनीति से कभी फुर्सत ही नहीं मिलती कि वह देश की भौगोलिक सुरक्षा की चिंता कर सकें। चीन (China) का नाम तक लेते हुए उनकी जुबान लड़खड़ाती है। चीन उनकी इस कमजोरी को भांपकर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहा है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (Chinese PLA Abducted Indian) ने अरुणाचल (Arunachal Pradesh) के ऊपरी सियांग जिले के बिशिंग गांव के सियुंगला इलाके (Siyungla Area) से एक 17 वर्षीय लड़के का कथित तौर पर अपहरण कर लिया है। अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ ने 19 जनवरी को यह जानकारी दी, जिन्होंने कहा कि 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र से पीएलए ने युवक को बंदी बना लिया था।
अपहृत युवक की पहचान अपर सियांग जिले के जिदो गांव (Zido Village) के रहने वाले 17 वर्षीय मिराम तारोन (Miram Taron) के रूप में हुई है।
मीडिया से बात करते हुए गाओ (BJP MP Tapir Gao) ने कहा कि नाबालिग लड़के के अपहरण की जानकारी उसके दोस्त ने साझा की थी, जो पीएलए (PLA) के कब्जे से भाग गया था और अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी।
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— Tapir Gao (@TapirGao) January 19, 2022
Chinese #PLA has abducted Sh Miram Taron, 17 years of Zido vill. yesterday 18th Jan 2022 from inside Indian territory, Lungta Jor area (China built 3-4 kms road inside India in 2018) under Siyungla area (Bishing village) of Upper Siang dist, Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/ecKzGfgjB7
"इस युवक को बिशिंग गांव के सियुंगला इलाके से बंदी बना लिया गया था, जब वह अपने दोस्त के साथ शिकार करने गया था। अपहरण भारतीय क्षेत्र के अंदर हुआ, "सांसद ने कहा। तापिर गाओ ने बताया कि यह अपहरण लुंगता जोर एरिया में किया गया। चीन ने 2018 में इस एरिया के 3-4 किलोमीटर तक सड़क बना ली थी। यह इलाका सियुंग्ला के अंतर्गत आता है।
बिशिंग सियांग नदी के बाएं किनारे पर स्थित भारत-चीन सीमा के पास अंतिम भारतीय गांव है। यह गांव ऊपरी सियांग जिले के मुख्यालय यिंगकिओंग से लगभग 260 किलोमीटर दूर है।
गाओ ने आगे कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, अपर सुबनसिरी उपायुक्त और अन्य संबंधित अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है और युवाओं को वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
गाओ, जो लोकसभा में अरुणाचल पूर्व निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने इससे पहले जानकारी साझा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
चीनी सेना द्वारा अरूणाचल के युवकों को अगवा किए जाने का यह पहला मामला नहीं है। सितंबर 2020 में, शिकार करने गए पांच युवकों को चीनी सेना ने ऊपरी सुबनसिरी जिले के नाचो के सेरा -7 इलाके से कथित तौर पर अगवा कर लिया था।
नाचो मैकमोहन रेखा के साथ जिले का अंतिम प्रशासनिक सर्कल है।
घटना के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने अपने चीनी समकक्ष को एक हॉटलाइन संदेश भेजा था, जिस पर बाद में 8 सितंबर को जवाब दिया गया था और पुष्टि की थी कि लापता युवक उनके इलाके में पाए गए थे। युवकों को कुछ दिनों बाद भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया।
सितंबर 2020 में, पीएलए ने ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया। एक हफ्ते बाद उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन इससे पहले कि भारतीय सेना स्थिति को शांत करने के लिए पहुंचती।
उसी वर्ष मार्च में एक 21 वर्षीय व्यक्ति को उसी क्षेत्र से चीनियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था। उसे भी भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद रिहा कर दिया गया था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपहरण की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त्त करते हुए ट्वीट किया है--'गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है- हम मीराम तारौन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे। पीएम की बुज़दिल चुप्पी ही उनका बयान है- उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता!'
गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है- हम मीराम तारौन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 20, 2022
PM की बुज़दिल चुप्पी ही उनका बयान है- उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता!
इस बीच, कल श्री गांधी ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील में चीन द्वारा एक पुल के निर्माण को लेकर प्रधान मंत्री पर कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट किया--'हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है। पीएम की चुप्पी से पीएलए के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। अब तो ये डर है कहीं पीएम इस पुल का भी उद्घाटन करने ना पहुँच जायें।'
हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 19, 2022
PM की चुप्पी से PLA के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।
अब तो ये डर है कहीं PM इस पुल का भी उद्घाटन करने ना पहुँच जायें। pic.twitter.com/OMcCC3wxXD
चीन अरुणाचल प्रदेश पर लगातार अपना दावा जताता रहा है। अरुणाचल को लेकर ड्रैगन के नापाक इरादे किसी से छिपे नहीं हैं। अभी एक महीना भी नहीं हुआ, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदल दिए थे। ऐसा उसने इसलिए किया था, ताकि वह इन नामों का इस्तेमाल अपने आधिकारिक इस्तावेजों और नक्शों में कर सके। चीन ने अरुणाचल की 15 जगहों के नामों की लिस्ट अपने नए लैंड बॉर्डर कानून के तहत जारी थी। चीन ने यह कानून 2022 में ही लागू किया गया। चीन ने जिन 15 जगहों के नाम बदले हैं, उनमें आठ शहर, चार पहाड़, दो नदी और एक दर्रा भी शामिल है। चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान नाम से पुकारता है।
चीन अरुणाचल प्रदेश के 90,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना दावा जताता है। वह इसे दक्षिण तिब्बत के रूप में मानता है। चीन ने पहली बार 2017 में अरुणाचल प्रदेश की कुछ जगहों के नाम बदल थे। ड्रैगन ने उस वक्त अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों को नए नाम दिए थे।