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BJP Manifesto 2022: नए दावों से पहले जानिए BJP के वो वादे जो 2017 से अब तक नहीं हुए पूरे...

Janjwar Desk
8 Feb 2022 9:48 AM GMT
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(नए वादों से पहले जानिए भाजपा के 2017 वाले कौन से वादे अधूरे हैं)

BJP Manifesto 2022: लव जिहाद पर कड़े कानून बनाने का भी वादा किया गया है, जबकि लव जिहाद या सबसे अधिक हिंदू मुस्लिम नफरत फैलाने के लिए भाजपाई ही प्रसिंद्ध हैं...

मनीष दुबे की रिपोर्ट

BJP Menifesto 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र (Manifesto) जारी कर दिया है। इस घोषणापत्र के मुताबिक मुफ्त राशन से लेकर स्कूटी तक देने का वादा किया गया है। लव जिहाद पर कड़े कानून बनाने का भी वादा किया गया है, जबकि लव जिहाद या सबसे अधिक हिंदू मुस्लिम नफरत फैलाने के लिए भाजपाई ही प्रसिंद्ध हैं।

साल 2017 में UP विधानसभा चुनाव (BJP Manifesto 2017) में जीत को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी किया था। पार्टी ने तत्कालीन संकल्प-पत्र जारी करते हुए कहा था कि हमें एक मौका दीजिए हम UP को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालेंगे। अपने लोक-कल्याण संकल्प पत्र में भाजपा ने करीब 35 वादे किए थे। इससे पहले रविवार 6 फरवरी को भाजपा संकल्प पत्र जारी करने वाली थी, लेकिन भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के बाद इस कार्यक्रम को टाल दिया गया था।

2017 में ये था पार्टीवार जीत का आंकड़ा

2017 के चुनाव के नतीजों में BJP ने शानदार प्रदर्शन किया था और 325 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें से BJP ने अकेले 312 सीटों पर जीत हासिल की। BJP की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने 9 और भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी को 4 सीटें मिली थीं। कुल 403 सीटों में से 54 पर SP-कांग्रेस गठबंधन, 19 पर BSP ने जीत हासिल की थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों में अन्य दलों और निर्दलियों के हिस्से में 5 सीटें थीं।

पिछले विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा संकल्प

2017 में जारी 24 पन्ने के संकल्प पत्र को भाजपा ने 10 विषयों में बांटा था। इसमें 200 से ज्यादा संकल्प किए गए थे। इस संकल्प में जो विषय डाले गए थे उन्हें कृषि विकास का बने आधार, ना गुंडाराज ना भष्टाचार, हर युवा को मिलेगा रोजगार, शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता विस्तार, गरीबी से मुक्ति का सपना साकार, बुनियादी विकास मजबूत आधार, विकसित उद्योग सुगम व्यापार, सशक्त नारी समान अधिकार, स्वस्थ हो हर घर-परिवार और महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारा संकल्प नाम दिया गया था।

2017 के वादे जो बिल्कुल पूरे नहीं हुए

संकल्प 1. पिछले चुनाव भाजपा ने सभी कॉलेजों में मुफ्त वाई-फाई का ढ़िंढोरा पीटा था, जो पूरा हुआ ही नहीं।

संकल्प 2. भाजपा ने संस्कृत विश्व विद्यालय की स्थापना करने का संकल्प किया था, जिसमें एक भी विद्यालय नहीं खुला।

संकल्प 3. बीजेपी ने 6 छोटे शहरों में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने का संकल्प भी पेश किया था।

2017 के वादे जो अब तक अधूरे हैं

वादा 1. पहली कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 86 लाख किसानों का 36000 करोड़ कर्ज माफ करने का वादा किया गया था। सच्चाई यह है कि 2017 से 2020 तक यूपी में सिर्फ 45 लाख 24 हजार 144 किसानों का कर्ज माफ हुआ है।

वादा 2. मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की होगी शुरूआत...सरकार का यह वादा पूरा नहीं हुआ। किसान कल्याण मिशन का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के आखिरी साल में आगाज किया।

वादा 3. सूबे में 6 नए एम्स बनाए जाने का वादा...सच्चाई यह है कि अभी तक गोरखपुर में महज एक एम्स बनकर तैयार हो सका है। यहां ओपीडी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। जबकि यूपी में युवाओं को रोजगार अभी भी मुद्दा है।

वादा 4. यूपी में कानून के राज का दावा था। हकीकत यह है कि पुलिस ने जनता की कोई सुनवाई नहीं की। खुद सूबे के मुखिया योगी को कई बार अधिकारियों को फटकार लगानी पड़ी। एफआईआर दर्ज ना होने की सूचनाएं भी सीएम तक पहुँचती रहीं।

वादा 5. युवाओं को लैपटॉप और 1 जीबी इंटरनेट भी...भाजपा का यह संकल्प अधूरा है। सरकार के आखिरी साल में इस वादे को पूरा करने की कोशिश तो हुई लेकिन महज एक लाख टैबलेट और स्मार्टफोन ही दिए...बाकी डाटा का इंतजार है।

वादा 6. कानपुर, झांसी, इलाहाबाद जैसे शहरों में फौरन मेट्रो सेवा शुरू करेंगे। वादा अधूरा है। इन शहरों में से महज कानपुर में ही मेट्रो सेवा शुरू हो पाई..वह भी आधी-अधूरी।

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