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UP Election 2022 : पूर्वांचल में भाजपा का एक और विकेट गिरा, पूर्व विधायक इकबाल सिंह सपा में शामिल
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के लिए कुछ महीने ही शेष हैं। ऐसे में हर पार्टी विधायकों के जोड़ तोड़ में जुट गई है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह (Ram Iqbal Singh) ने अपने समर्थकों संग समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। राम इकबाल सिंह (Ram Iqbal Singh) बलिया (Balia) के चिकलहर विधानसभा सीट से 2002 में विधायक बने थे। सपा की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई जानकारी के मुताबिक सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात कर सपा की सदस्यता ग्रहण की।
समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, 'सपा का बढ़ता कारवां। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बलिया के चिलकहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह जी अपने साथियों के साथ पा में शामिल हुए। आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। अखिलेश द्वारा सिंह को पार्टी में शामिल कराये जाते हुए तस्वीर भी पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर साझा की गई है।'
सपा का बढ़ता कारवां!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 20, 2021
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बलिया की चिलकहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक श्री राम इकबाल सिंह जी अपने साथियों के साथ सपा में हुए शामिल।
आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। pic.twitter.com/Kvo65WLkN5
समजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह (IP Singh) ने ट्वीट कर लिखा, 'पार्टी का बढ़ता कारवां...बलिया की चिलकहर विधानसभा से भाजपा के तेज तर्रार विधायक रहे श्री राम इकबाल सिंह जी अपने तमाम साथियों के साथ आज सपा में हुए शामिल हो गए। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा ढोल नगाड़ों के साथ जा रही है।'
पार्टी का बढ़ता कारवां....
— I.P. Singh (@IPSinghSp) December 20, 2021
बलिया की चिलकहर विधानसभा से भाजपा के तेज तर्रार विधायक रहे श्री राम इकबाल सिंह जी अपने तमाम साथियों के साथ आज सपा में हुए शामिल हो गए।
इससे साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा ढोल नगाड़ों के साथ जा रही है।#भाजपा_में_भगदड़#यूपी_से_भाजपा_खत्म pic.twitter.com/Sz8Cq7ywiW
राम इकबाल सिंह बीजेपी सरकार की नीतियों को लेकर पिछले कुछ समय से सवाल उठाते रहे हैं। इससे पहले भाजपा की प्रदेश कार्यसमति के सदस्य एवं पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि राज्य सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं व जन प्रतिनिधियों से लेकर पार्टी नेताओं को नौकरशाही तवज्जो नहीं देती है।
पूर्व भाजपा विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पहले मंत्रियों से मुलाकात करने जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को आना पड़ता था, अब स्थिति यह है कि मंत्रियों की अधिकारियों से मुलाकात तक नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि से लेकर पार्टी नेताओं की स्थिति अत्यंत बदतर हो गई है और इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
इससे पहले राम इकबाल सिंह ने रविवार को कहा था, किसानों की मांगें सही हैं। विधानसभा चुनाव और किसानों में रोष को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है। कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनों के चलते भाजपा नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में नहीं जा पा रहे हैं और आने वाले समय में किसान भाजपा के जन प्रतिनिधियों का घेराव भी कर सकते हैं।
उन्होंने इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित जासूसी कराने को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था और कहा था कि लोकतांत्रिक देश में विपक्ष की मांग पर विचार होना चाहिए। यदि विपक्ष चाहता है कि जासूसी कांड की जांच हो तो सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि संसद का सत्र सुचारू रूप से चले।