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UP Election 2022 : योगी की रैली से पहले गुस्साए किसानों ने मैदान में छोड़े सांड और बैल, भाजपा की बढ़ी चिंता कहीं वोट की फसल न चर जाएं आवारा पशु
(योगी की रैली से पहले गुस्साए किसानों ने मैदान में छोड़े सांड और बैल)
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश की 403 सीटों पर चल रहे मतदान के बीच आवारा पशुओं (Stray Animals) का मुद्दा लगातार बड़ा बनता जा रहा है। विपक्षी दलों के नेता आवारा सांडों और बैलों के मुद्दे को लेकर सत्ताधारी भाजपा को लगातार घेर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपनी कई जनसभाओं में भी तंज कसते हुए कह चुके हैं कि बाबा मुख्यमंत्री अपने प्रिय जानवर को भी नहीं पकड़ पा रहे हैं। इस बीच खबर है कि बाराबंकी में होने वाली योगी आदित्यनाथ की रैली से पहले कार्यक्रम स्थल पर किसानों ने सैकड़ों गाय, बैल और सांडों को छोड़ दिया।
किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) को भी मालूम चलना चाहिए कि गाय-सांड से कितनी समस्या होती है। किसान (Farmers) गोवंश को गांव से होकर कार्यक्रम स्थल तक ले आए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
बाराबंकी में C.M योगी के कार्यक्रम से पहले किसानों ने खेतों से खदेड़कर सैकड़ों सांड रैली स्थल में छोड़ दिये, किसानों से तो इन छुट्टा जानवरों का इलाज निकला नहीं, और 5 साल U.P सरकार ने भी कोई इलाज नहीं निकाला, अब देखना ये था की कार्यक्रम से पहले #BJP वाले क्या इलाज निकालते ! pic.twitter.com/EWth20fSbi
— Ramandeep Singh Mann (@ramanmann1974) February 22, 2022
तीन चरणों के मतदान से पहले आवारा पशुओं (Stray Animals) का मुद्दा खूब छाया रहा वहीं आज मंगलवार को भी इस मुद्दे अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने योगी सरकार पर हमला बोला। आवारा जानवरों के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना किसानों को ही करना पड़ रहा है। सड़कों पर भी जगह-जगह आवारा जानवरों के झुंड देखने को मिलते हैं। ये आवारा जानवरों खेतों में भी किसानों काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
किसानों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री योगी की जनसभा से पहले गाय, बैल और सांडों को हांकते हुए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा दिया। वहीं प्रशासन का कहना था कि सीएम की जनसभा से पहले जानवरों को मैदान से हटा दिया जाएगा। इस मुद्दे पर किसानों से बात हो रही है।
आवारा पशुओं से किसानों को फसलों का नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही इनसे देखरेख में उन्हें आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो इन आवारा पशुओं के चलते लोगों की जान तक चली जाती है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा को भी अंदर ही अंदर चिंता सता रही है कि आवारा पशु कहीं वोट की फसल को न चर जाएं।
बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री व भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी ने आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने का भरोसा फतेहपुर की रैली में दिया था। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 10 मार्च को दोबारा भाजपा की सरकार बनने पर इस समस्या को दूर किया जाएगा। मोदी ने कहा कि ऐसा इंतजाम किया जाएगा जिसके गोबर से भी पशुपालकों की कमाई हो। उन्होंने कहा था कि हमारा प्रयास है कि दूध ना देने वाले जो बेसहारा पशु हैं उनके गोबर से पशुपालक को इनकम हो और कुछ अतिरिक्त कमाई हो, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।