Begin typing your search above and press return to search.
Up Election 2022

Uttarakhand Election 2022 : चुनावी सर्वे ने फिर उड़ाई उत्तराखण्ड भाजपा की नींद, गुब्बारे से हवा निकलना जारी

Janjwar Desk
13 Dec 2021 2:30 PM GMT
Uttarakhand Election 2022
x

(पहले सर्वे में भाजपा को 36 से 40 सीटें मिलने का अनुमान घटकर दूसरे सर्वे में 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 33 से 39 पहुंच गया है।)

Uttarakhand Election 2022 : जिस सर्वे की रिपोर्ट भाजपा की मुश्किलों में इजाफा कर रही है, उस सर्वे तक में युवा मुख्यमंत्री वाले गुब्बारे की हवा निकलती दिखाई दे रही है....

Uttarakhand Election 2022 : उत्तराखण्ड में ताश के पत्तों की तरह मुख्यमंत्री फेंटकर पहले ही अपने मुख्यमंत्रियों की नाकामी पर मोहर लगा चुकी भारतीय जनता पार्टी का आगामी विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) दिन-प्रतिदिन मुश्किल भरा होता चला जा रहा है। पार्टी के अपने ही आंतरिक सर्वे में मौजूदा विधायकों में आधे विधायकों सहित सात मंत्रियों की करारी पराजय की आशंका के बाद भी पार्टी कार्यकर्ताओं के हौसले को बनाये रखने के लिए पार्टी की ओर से दिए गए 'अबकी बार-साठ के पार' के नारे के बाद भी भाजपा (BJP) की स्थिति चुनाव को लेकर लगातार कमजोर होती जा रही है।

'अबकी बार-साठ के पार' का नारा तो पार्टी दे चुकी है लेकिन वोट पार्टी को किस करिश्मे पर पड़े, यह खुद अभी हाल तक सरकार व मंत्रियों की उपेक्षा झेल रहे पार्टी कार्यकर्ता तक नहीं समझ पा रहे हैं। ले-देकर पार्टी के खाते में एक ही उपलब्धि थी कि पुराने मुख्यमंत्री को हटाकर नई सज-धज और ब्रांडिंग के साथ किसी नए आदमी को मुख्यमंत्री बनाना। तीसरे और रिपोर्ट लिखे जाते समय तक इस सरकार के आखिरी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भी केवल एक यह ही उपलब्धि थी कि वह युवा हैं। इसको भी पार्टी ने कुछ ऐसे अंदाज में परोसकर ब्रांडिंग की कि मानो यह कोई ऐसी विशेष बात हो जिसका जनसरोकारों से कोई रिश्ता हो।

जिस सर्वे की रिपोर्ट भाजपा की मुश्किलों में इजाफा कर रही है, उस सर्वे तक में युवा मुख्यमंत्री वाले गुब्बारे की हवा निकलती दिखाई दे रही है। इस टीवी चैनल ने दो महीने में लगातार दो सर्वे किये थे। जिसमें राज्य के दोनों प्रमुख दलों के बीच का अंतर लगातार कम होता जा रहा है। हालांकि सर्वे सीटों के मामले में बढ़त अभी भी भाजपा को ही बताई जा रही है। लेकिन जिस गति से चुनाव निकट आते-आते स्थिति में परिवर्तन हो रहा है, उसे भाजपा के अनुकूल नहीं कहा जा सकता।

पहले सर्वे में भाजपा को 36 से 40 सीटें मिलने का अनुमान घटकर दूसरे सर्वे में 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 33 से 39 पहुंच गया है। भाजपा के लिए मुश्किल यह भी है कि बीच का अंतर किसी थर्ड पार्टी को नहीं बल्कि उसकी मुख्य प्रतिद्वन्दी कांग्रेस को शिफ्ट हो रहा है। अन्यथा वह जैसी तोड़-फोड़ अन्य राज्यों में करती है, यहां भी कर लेती। पहले सर्वे में कांग्रेस को 29 से 35 तो दूसरे में 36 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 30 से 34 सीटें बताई जा रहीं हैं। आम आदमी पार्टी को 13 प्रतिशत वोट और 2 से 3 सीटें मिलने की संभावना है। बाकी का 11 प्रतिशत वोट बिना किस सीट के अन्य के हिस्से का बताया गया है। जिसमें बसपा, सपा, उक्रांद, निर्दलीय आदि शामिल हैं।

दोनो ही सर्वे में मुख्यमंत्री के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरे के तौर पर लोगों ने भाजपा की युवा सोच की अपेक्षा बुजुर्ग अनुभव को तरज़ीह दी है। मुख्यमंत्री के रूप में हरीश रावत ज्यादातर लोगों की पहली पसंद है। पहले सर्वे से दूसरे सर्वे तक इनकी लोकप्रियता में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी (पहले 31, दूसरे सर्वे में 33 प्रतिशत) देखी गई। जबकि भाजपा के युवा मुख्यमंत्री के गुब्बारे की हवा लगातार कम होती नजर आ रही है। पुष्कर धामी 28 से शुरू होकर अब 27 प्रतिशत लोगों की पसन्द बनकर रह गए हैं। अनिल बलूनी 18 प्रतिशत तो कर्नल अजय कोठियाल 9 प्रतिशत पर स्थिर रहे हैं।

कुल मिलाकर सर्वे के अनुसार वोट शेयर के मामले में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी होगी। लेकिन जिस तरह से चुनाव आते-आते जनता के बीच सरकार को लेकर नाराज़गी बढ़ती जा रही है उससे साफ है कि यदि भाजपा ने अपने तरकश से वह भावनाओं से खेलने वाले तीर नहीं निकाले तो भाजपा की मुश्किलों में होने वाला इजाफा कम नहीं होने वाला।

Next Story

विविध