अच्छे संगीत का प्रसार महामारी जैसा होता है | Good Music spreads like pandemic |
महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट
Good Music spreads like pandemic | जब कोई गाना बहुत जल्दी प्रचलित हो जाता है तब कहा जाता है कि गाना "वायरल (Viral)" हो गया और बहुत अच्छे गाने को "कैची (catchy)" भी कहा जाता है| वायरल और कैची जैसे शब्दों को संगीत के साथ कब और कैसे जोड़ा गया, यह तो पक्का पता नहीं है, पर अब विज्ञान की कसौटी पर ये दोनों विशेषण संगीत के साथ सटीक बैठते हैं| कनाडा स्थित मैकमास्टर इंस्टिट्यूट फॉर म्यूजिक एंड द माइंड (McMaster Institute for Music & The Mind) के वैज्ञानिकों ने अपने शोध के बाद बताया है कि अच्छे संगीत का प्रसार ठीक वैसे ही होता है, जैसा किसी महामारी का होता है| इनके अनुसार अच्छे संगीत को डाउनलोड (Download and sharing pattern) करने का पैटर्न किसी महामारी के प्रसार जैसा ही होता है|
प्रोसीडिंग्स ऑफ़ रॉयल सोसाइटी ए: मैथेमेटिकल एंड फिजिकल साइंस (Proceedings of Royal Society A: Mathematical & Physical Science) नामक जर्नल में प्रकाशित इस शोधपत्र के अनुसार अछे संगीत के प्रसार का अनुमान ठीक उसी गणितीय मॉडल (Mathematical Model) का उपयोग कर लगाया जा सकता है, जिसका उपयोग महामारी के प्रसार के लिए किया जाता है| इस अध्ययन की अगुवाई गणितज्ञ डोरा रोसती (Dora Rosati) ने की है| इस अध्ययन के लिए वर्ष 2007 से 2014 के बीच रिलीज़ हुए 1000 से अधिक गानों के सोशल मीडिया पर डाउनलोड और शेयर करने के दर का अध्ययन किया गया| इससे गानों की लोकप्रियता का आकलन किया गया और फिर इसके बाद इनका विश्लेषण ससेप्तिबल इन्फेक्शस रिकवर्ड मॉडल (Susceptible Infections Recovered Model, SIR Model) से किया गया| महामारी के प्रसार का आकलन करने के लिए इसी गणितीय मॉडल का उपयोग दुनियाभर ने किया जाता है| अध्ययन दल के अनुसार इस मॉडल की मदद से गाने के समाज में प्रसार का सटीक आकलन किया जा सकता है|
गणितज्ञ डोरा रोसती के अनुसार यदि आप अपने समाज को भी बारीकी से देखे तो महामारी और संगीत में बहुत समानताएं हैं| दोनों के प्रसार के लिए मनुष्य की और समाज की जरूरत है, हालां कि महामारी के प्रसार के लिए नजदीकी आपसी संपर्क की जरूरत है जबकि संगीत के विस्तार के लिए आपसी संपर्क जरूरी नहीं है| गहराई से जुड़े समाज में महामारी और संगीत, दोनों का विस्तार जंगलों के आग की तरह अनियंत्रित और तेजी से होता है और महामारी की प्रतिरोधक क्षमता का विकास समाज में जल्दी हो जाता है इसी तरह कोई भी गाना जितनी तेजी से समाज में लोकप्रिय होता है उतनी ही तेजी से यह लोकप्रियता खोता भी है क्योंकि सभी इसे अनेक बार सुन चुके होते हैं|
इस अध्ययन के अनुसार कुछ तरीके के गानों का विस्तार दूसरे गानों से अधिक तेजी से होता है| सामान्य धारणा है कि पॉप या रॉक गानों की लोकप्रियता सबसे तेजी से बढ़ती है, पर इस अध्ययन के अनुसार ऐसा नहीं है| गानों की तेजी से होने वाली लोकप्रियता के क्रम में सबसे निचले पायदान पर पॉप (Pop) है, इसके बाद रॉक (Rock), इसके बाद हिपहॉप और रैप (Hip-hop and Rap) है और सबसे तेजी से लोकप्रिय होने वाली गानों की श्रेणी इलेक्ट्रोनिका (Electronica) है| इलेक्ट्रोनिका श्रेणी के गानों में आवाज और गायकी की प्रमुखता होती है और प्रायः ऐसे गाने डांस वाले नहीं रहते हैं|
महामारी का एक आर नंबर (R Number) होता है, जिसके बारे में कोविड 19 के बाद से लगातार चर्चा की जाती है| आर नंबर से किसी महामारी के प्रसार की क्षमता का आकलन किया जाता है| कोविड 19 के सन्दर्भ में देखें तो हमारे देश में 25 से 31 दिसम्बर के बीच यह 2.9 था, 1 से 6 जनवरी के बीच 4 था, 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2 था और 14 से 21 जनवरी के बीच 1.57 था| आर नंबर जितना अधिक होता है, महामारी का विस्तार उतनी तेजी से होता है| इस अध्ययन में गानों की श्रेणी का भी आर नंबर निकाला गया है, जो किसी भी महामारी के चरम से भी कई गुना अधिक है| पॉप गानों के लिए आर नंबर 35 है, रॉक गानों के लिए 129 है, हिपहॉप और रैप गानों के लिए 310 है और सबसे तेजी से लोकप्रिय होने वाले इलेक्ट्रोनिका श्रेणी के गानों के लिए 3430 है|
इस कोविड 19 महामारी में हरेक तरीके के संगीत की लोकप्रियता कई गुना बढ़ी है और अपने घरों में बंद जनता को एकाकीपन से निपटने में संगीत ने मदद की| पर, शायद ही किसी ने सोचा होगा कि संगीत स्वयं संक्रामक है और इसकी संक्रमण दर किसी भी ज्ञात महामारी की तुलना में कई गुना अधिक है|