Yogi Adityanath Biography in Hindi | योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय, जानिए, क्रिमिनल हिस्ट्री, कैसे बने सीएम?
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योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय, पूरा नाम, इतिहास, पत्नी का नाम, वाइफ, प्रेमिका, क्रिमिनल हिस्ट्री, पर्सनल कांटेक्ट नंबर, भाई, परिवार, शिक्षा Yogi Adityanath Biography in Hindi Age, Full Name, News, Wife, Status, Caste, Contact Number, Kundli, Twitter
Yogi Adityanath Biography in Hindi | उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ। कट्टर हिंदू की छवि। हिंदुत्व के सबसे बड़े फायर ब्रांड नेता कहे जाने वाले इस नेता की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। जिस जगह से ये राजनीति में आए वहां पहले से दिग्गज और कट्टर नेता हुआ करते थे। उनकी जगह जब इन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे को उठाया तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कहा जाता है कि ये ऐसे नेता हैं जो अपनी जिद पर पार्टी को भी नहीं छोड़ते। यही वजह है कि भाजपा में रहते हुए कई बार वो बागी रूख भी अख्तियार कर चुके हैं। पार्टी में विरोध जता चुके हैं। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 21वें सीएम के रूप में शपथ ली थी। सीएम से पहले वो 5 बार सांसद रहे थे। अब फिर से यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन पर यूपी में फिर से सरकार बनाने का दारोमदार है। ऐसे में जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ की पूरी कहानी।
योगी आदित्यनाथ का परिवार
योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे संन्यासी बने थे। उसके बाद इनका नाम योगी आदित्यनाथ हुआ था। इनकी मां का नाम सावित्री देवी और पिता का नाम आनंद बिष्ट था। पिता फॉरेस्ट रेंजर थे। वे इस पद से 1991 में रिटायर हुए थे। इसके बाद 1992 में इनका परिवार उत्तराखंड छोड़कर गोरखपुर महंत अवैद्यनाथ के पास आ गया था। योगी आदित्यनाथ चार भाई और तीन बहनें हैं। ये भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। बताया जाता है कि इनके दो भाई कॉलेज में नौकरी करते हैं, जबकि एक भाई सेना की गढ़वाल रेजिमेंट में सूबेदार हैं। योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में हुआ था।
योगी आदित्यनाथ ने 1989 को ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई की थी। 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएसी की थी। इसी कॉलेज से उन्होंने एमएससी की पढ़ाई भी पूरी की थी। हालांकि, पिता के रिटायरमेंट के बाद वे भी परिवार के साथ साल 1992 में गोरखपुर आ गए थे। वहीं, ग्रेजुएश के दौरान ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़ गए थे। 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए थे। उसी रिसर्च के दौरान उनकी मुलाकात गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ से हुई थी। इस मुलाकात के बाद ही योगी आदित्यनाथ के जीवन में बड़ा बदलाव हुआ था।
इसके बाद ही उन्होंने सांसारिक मोहमाया को त्याग देने का फैसला किया था। यहां उन्होंने महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी। फिर साल 1994 में संन्यासी बन गए थे। महंत अवैधनाथ के निधन के बाद बाद योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत बने थे।
संन्यासी बनने की वजह से योगी आदित्यनाथ ने कभी गृहस्थ जीवन नहीं बिताया। उन्होंने शादी भी नहीं की। इसलिए उनकी पत्नी नहीं है। लेकिन कई बार सोशल मीडिया पर उनकी पत्नी और बेटी के नाम को लेकर अफवाह उड़ाई गई। शादी की भी चर्चा की गई। लेकिन ये सारी बातें कुछ सोशल मीडिया पर जानबूझ कर अफवाह के तौर पर फैलाईं गईं थीं जिसे बाद में डिलीट भी करा दिया गया था। इस तरह योगी आदित्यनाथ की ना ही कोई पत्नी है और ना ही अब कोई परिवार। वो खुद को पूरी तरह से संन्यासी घोषित कर चुके हैं।
योगी आदित्यनाथ की एंग्री यंग मैन की तरह हुई थी एंट्री
बात साल 1994 की। उस समय गोरखपुर मठ में संन्यासी बने थे योगी आदित्यनाथ। 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के तौर पर उन्होंने अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी। फिर यहीं से उनकी राजनीति में भी एंग्री यंग मैन की तरफ एंट्री हुई थी। ये एंट्री इसलिए भी धमाकेदार थी क्योंकि उस दौर में गोरखपुर की धरती पर दो बाहुबली नेताओं का बोलबाला था। वो नेता थे हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही। लेकिन उस समय इन दोनों की पकड़ थोड़ी ढीली पड़ रही थी।
उसी दौरान वहां के युवा और सवर्ण जाति के छात्रों ने योगी आदित्यनाथ को देखा और उनकी बातों को सुना तो उन्हें हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे महंत दिग्विजयनाथ की छवि दिखने लगी थी। बस यहीं से वो छात्र धीरे-धीरे योगी से जुड़ने लगे। और ये कारवां बढ़ता गया। उस दौरान हुईं कुछ घटनाओं ने योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व के सबसे बड़े फायरब्रांड नेता की छवि का रूप दे दिया था।
गोरखपुर पीठ से जुड़ने की वजह से साल 1998 में पहली बार गोरखपुर से बतौर सांसद प्रत्याशी चुनाव लड़ा। इस चुनाव में योगी को प्रचंड बहुमत मिला और पहली बार वो सांसद के तौर पर लोकसभा पहुंचे थे। महज 26 साल की उम्र में वो पहली बार संसद पहुंच गए थे। बिल्कुल युवा। तेवर तेज-तर्रार। फिर सांसद की कुर्सी संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2002 में हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया। हिंदू युवा वाहिनी को बनाने के बाद योगी की आलोचनाएं भी हुईं लेकिन वो रुकने वाले नहीं थे।
अब हिंदू युवा वाहिनी तेजी से आगे बढ़ने लगी थी। ना सिर्फ गोरखपुर बल्कि आसपास के एरिया देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर से लेकर मऊ, आजमगढ़ तक में ये सक्रिय हो गए। इस वाहिनी पर मुसलमानों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के दर्जनों मामले दर्ज हुए. उस दौरान योगी आदित्यनाथ पर भी हत्या के प्रयास, दंगा करने, सामाजिक सद्भाव को नुक़सान पहुंचाने, दो समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने, धर्मस्थल को क्षति पहुंचाने जैसे आरोप लगे और 3 मामलों में तो रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी।
इस तरह योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पहला मामला साल 1999 में पंचरुखिया कांड में महराजगंज कोतवाली में दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि पंचरुखिया महराजगंज जिले में भिटौली कस्बे में एक गांव है। यहां पर कब्रिस्तान और तालाब की जमीन को लेकर हिंदू और मुसलमान में विवाद चल रहा था। उस समय आदित्यनाथ ने आरोप लगाया था कि तलत अजीज और उसके साथियों ने मिलकर उन पर जानलेवा फायरिंग की थी। बाद में ये बताया गया था कि आदित्यनाथ के काफिले से चलाई गई गोली में तलत अजीज के सरकारी गनर सत्यप्रकाश की मौत हो गई थी। ये मामला इतना तूल पकड़ लिया था कि उस समय की मौजूदा कल्याण सिंह सरकार ने इस घटना की जांच तुरंत सीबीसीआईडी को सौंप दी थी। सीबीसीआईडी ने 16 महीने बाद 27 जून 2000 को इस केस में रिपोर्ट दाखिल की थी।
इसके बाद कुशीनगर जिले में साल 2002 में मोहन मुंडेरा कांड हुआ था। इस घटना में एक लड़की से दुष्कर्म को लेकर उस गांव के 47 अल्पसंख्यकों के घर में आग लगा दी गई थी। साल 2002 में गुजरात की घटनाओं पर हिंदू युवा वाहिनी ने गोरखपुर को ही बंद करा दिया था। उस दौरान इनके समर्थक नारे लगाते घूमते थे और कहते थे कि 'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना है.'। ये नारे काफी चर्चा में आए थे। यही नहीं, कहा जाता है कि गोरखपुर के बाहर भी ऐसे नारे लगे थे। जिसमें कहा गया था कि 'पूर्वांचल में रहना है तो योगी-योगी कहना है'। फिर तो यही नारा कुछ ऐसे बदला कि लोग कहने लगे थे कि यूपी में रहना है तो योगी-योगी कहना है।
योगी आदित्यनाथ की क्रिमिनल हिस्ट्री
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ ने जो हलफनामा दिया था, उसमें क्रिमिनल हिस्ट्री भी है. इनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस हलफनामे के अनुसार, योगी आदित्यनाथ पर ये मामले अभी चल रहे हैं।
- 1- दो मुकदमे आईपीसी की धारा-153 A के दर्ज हैं। इस धारा का मतलब धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना है।
- 2- आईपीसी की धारा-295 में 2 एफआईआर दर्ज हैं। इस धारा का मतलब किसी एक धर्म के लिए आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल कर उसे अपमानित करने से है।
- 3- आईपीसी की धारा 307 यानी हत्या के प्रयास के मामले में भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2 मामले दर्ज हैं।
- 4 आईपीसी की धारा-506 का एक मामला दर्ज है। इस धारा का मतलब जान से मारने की धमकी देने का है।
- 5- आईपीसी की धारा-147 के तहत इन पर 5 मामले दर्ज हैं। धारा-147 का ताल्लुक दंगे भड़काने से है। इन पर घातक हथियार से दंगे भड़काने का भी मामला है।
- 6 – आईपीसी की धारा-297 के तहत दो मामले दर्ज हैं। इस धारा के तहत आरोप है कि इन्होंने कब्रिस्तानों पर अतिक्रमण किया है।
- 7- आईपीसी की धारा-149 में एक मामला दर्ज है। इसके अनुसार, आरोप है कि इन्होंने दूसरों के जीवन को खतरे में डालने का काम किया है।
- 8- आईपीसी की धारा-504 के तहत भी एक मामला दर्ज है। इसमें शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर गाली-गलौच करना और अपमान करने का आरोप है।
FAQ
Q : योगी आदित्यनाथ का पूरा नाम क्या है ?
Ans : अजय सिंह बाद में महंत योगई आदित्यनाथ
Q : योगी आदित्यनाथ की पत्नी का नाम क्या है ?
Ans : शादी नहीं हुई.
Q : योगी आदित्यनाथ की शिक्षा कितनी है ?
Ans : गणित में स्नातक (बीएससी)
Q : योगी आदित्यनाथ के कितने भाई है ?
Ans : 3, 1 बड़े 2 छोटे
Q : योगी आदित्यनाथ के पिता का क्या नाम है ?
Ans : आनंद सिंह बिश्त
Q : योगी आदित्यनाथ का क्रिमिनल रिकॉर्ड क्या है ?
Ans : राजनीतिक विवादों से घिरे रहने के कारण इन पर कुछ क्रिमिनल रिकॉर्ड भी हैं.