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American Report : इस मामले में भारत दुनिया में 8वें स्थान पर, BJP के काल में बढ़ा अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव

Janjwar Desk
6 Dec 2022 2:41 AM GMT
American Report : इस मामले में भारत दुनिया में 8वें स्थान पर, BJP के काल में बढ़ा अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव
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American Report : एक अमेरिकी शोध संस्थान द्वारा 162 देशों में सामूहिक हत्याएं होने की संभावनाओं को लेकर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ( BJP) के शासनकाल में देश में मुस्लिम अल्पसंख्यकों ( muslim minority ) के खिलाफ भेदभाव ​बढ़ा है।

American Report : एक अमेरिकी शोध संस्थान के मुताबिक भारत उन देशों की सूची में आठवें स्थान पर है जहां वर्ष 2022 और 2023 में सामूहिक हत्याएं होने का सबसे अधिक जोखिम है। पिछले वर्ष के मुकाबले भारत ( India ) की रैंक में गिरावट आई है, पहले वह दूसरे स्थान पर था। अमेरिकी संस्था की इस रिपोर्ट से साफ है कि भाजपा के शासनकाल में देश में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव ​बढ़ा है। संस्था अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट ( early warning project ) की रिपोर्ट का मकसद दुनिया के देशों में उन संभावनाओं की पहचान करना है जिसके तहत विशेष समुदायों ( muslim minority ) के खिलाफ हिंसक घटनाएं होती हैं या उसको बढ़ावा मिलता है।

अमेरिकी शोध संस्था अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट दुनिया में सामूहिक हिंसा के जोखिम वाले देशों की पहचान करता है। इसने नवंबर में जारी अपनी रिपोर्ट ( American eport ) में कहा है कि 2022-2023 में भारत में नए सिरे से सामूहिक हत्याओं की शुरुआत की संभावना 7.4 प्रतिशत या लगभग 14 में से एक है। यह परियोजना संयुक्त राज्य होलोकॉस्ट मेमोरियल संग्रहालय के Simon-Skjodt Center for the Prevention of Genocide और डार्टमाउथ कॉलेज के डिकी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग की एक संयुक्त पहल है।

अमेरिकी संस्था अर्ली वार्निंग की 2022-23 की रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी 162 देशों में पाकिस्तान का नाम सबसे ऊपर है। यमन दूसरे स्थान और म्यांमार तीसरे स्थान पर है। इथोपिया पांचवें, नाइजीरिया छठे और अफगानिस्तान सातवें स्थान पर है। संस्था की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में 2022 या 2023 में सामूहिक हत्या के छह अवसरों में से एक होने का अनुमान है। यमन दूसरे स्थान है। म्यांमार तीसरे, इथोपिया पांचवें, नाइजीरिया छठे और अफगानिस्तान सातवें और भारत आठवें स्थान पर है। यानि भारत की स्थिति सूडान(9वें), सोमालिया (10वें), सीरिया (11वें), इराक (12वें) और जिम्बाब्वे (14वें) से भी बदतर है। 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत बीते पांचों सालों में उच्च जोखिम वाले शीर्ष 15 देशों में दूसरे स्थान पर था।

रिपोर्ट में कहा गया है भारत की स्थिति में सुधार की वजह पुरुषों के लिए घूमने की स्वतंत्रता में सुधार होना है। अगर यह स्थिति इस वर्ष भी 2022-22 की तरह समान रहता, तो जोखिम में 11 फीसदी की वृद्धि के साथ भारत ताजा आकलन में पहले स्थान पर होता।

बता दें कि रिपोर्ट में ऐसे कई उदाहरणों पर प्रकाश डाला गया है कि किस तरह केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव बढ़ा है। हिंदू राष्ट्रवादी नेताओं ने नफरती भाषण देना जारी रखा है, जिसमें दिसंबर 2021 में धार्मिक नेताओं का मुस्लिमों की सामूहिक हत्या का आह्वान भी शामिल है। हाल के महीनों में मुसलमानों को निशाना बना वाली हिंसक घटनाएं कई राज्यों में बड़े पैमाने पर देखी गई हैं, जिसमें हिंदू राष्ट्रवादी जुलूसों में मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए और मस्जिदों को निशाना बनाया गया। इन हिसंक उकसावों के जवाब में स्थानीय अधिकारियों ने कई राज्यों में मुस्लिम-स्वामित्व वाली संपत्तियां बुलडोजर चलाकर गिरा दीं। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भी मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण दिए और उनके खिलाफ नाममात्र या बिल्कुल भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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