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थाईलैंड में राजशाही के खिलाफ विद्रोह, हजारों लोग उतरे सड़क पर, लगा आपातकाल

Janjwar Desk
16 Oct 2020 10:08 PM IST
थाईलैंड में राजशाही के खिलाफ विद्रोह, हजारों लोग उतरे सड़क पर, लगा आपातकाल
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राजधानी बैंकाक में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी राजसत्ता संविधान में संशोधन की मांग कर रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे लोगों की प्रमुख मांग प्रधानमंत्री प्रयुत चन ओचा को पद से हटाने और देश में राजनीतिक सुधार लाने की है...

जनज्वार। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश थाईलैंड में राजशाही के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। राजधानी बैंकाक में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी राजसत्ता संविधान में संशोधन की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों की प्रमुख मांग प्रधानमंत्री प्रयुत चन ओचा को पद से हटाने और देश में राजनीतिक सुधार लाने की है। इस बीच यूरोपीय संघ ने थाई सरकार से प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा की मांग कर दी है।

इससे पहले बुधवार को हुए विशाल जन प्रदर्शनों के बाद थाईलैंड सरकार ने गुरुवार तड़के देश में आपातकाल लागू कर दिया। टेलीविजन पर पुलिस अधिकारियों ने एक लाइव प्रसारण में कहा कि ये कदम "शांति और व्यवस्था" बनाए रखने के लिए उठाया गया है। इसके तहत प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।

आंदोलन के प्रमुख नेताओं सहित बहुत से कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि आंदोलन विगत फरवरी माह से ही चल रहा है। बीते अगस्त में भी आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे और राजशाही पर नियंत्रण लगाने की मांग की थी। ये पहला मौका था, जब सीधे तौर पर राजतंत्र या राज परिवार का सड़कों पर उतरकर जन समुदाय ने विरोध किया हो।

थाईलैंड की पुलिस प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध दमनात्मक कार्रवाई कर रही है, जिससे आक्रोश और भड़क रहा है। पुलिस द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे पेरित चिवारक नामक नेता और वकील एर्नोन नांपा को गिरफ्तार किया जा चुका है। पेरित पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है, हालांकि इसके बावजूद प्रदर्शनकारी रुक नहीं रहे हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जुतातीप सिरिखन नाम के एक छात्रनेता ने नेतृत्व संभाल लिया है। उसके आह्वान के बाद हजारों लोगों ने बैंकॉक की सडकों पर जोरदार प्रदर्शन किया है।

थाईलैंड की मीडिया ने गुरुवार को बताया कि अधिकारियों ने राजधानी में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए आपातकाल घोषित किया है। जिससे अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मिल गई है।

आपातकाल के दौरान पांच या अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन करने वाले समाचार या ऑनलाइन संदेशों के प्रकाशन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

वैसे थाईलैंड में साल 2014 के तख्तापलट के परिणामस्वरूप सत्ता मांग को लेकर कई महीनों से सरकार विरोधी छिटपुट प्रदर्शन चल रहे हैं।

इस बीच पीएम के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी रात भर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर डेरा डाले रहे, जिसके बाद थाई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह को तितर-बितर कर दिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ट्रकों में भरकर ले जाया गया।

उधर पुलिस अबतक सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बैंकॉक पुलिस की उप प्रमुख पिया तावीचई ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे बच्चों और युवाओं से कहा कि उन्हें प्रदर्शन की कीमत भविष्य में भी चुकानी पड़ती सकती है। थाईलैंड में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है, तो अखबारों, ऑनलाइन खबर देने वाले चैनलों पर सेंसर के कड़े नियम लागू किए हैं।

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