Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

USCIRF Report : भारत में धार्मिक स्थलों पर बढ़े हमले, इससे पहले एंटनी ब्लिंकन ने उठाया था मानवाधिकार हनन का मुद्दा

Janjwar Desk
3 Jun 2022 2:05 AM GMT
USCIRF Report : भारत में धार्मिक स्थलों पर बढ़े हमले, इससे पहले एंटनी ब्लिंकन ने उठाया था मानवाधिकार हनन का मुद्दा
x

USCIRF Report : भारत में धार्मिक स्थलों पर बढ़े हमले, इससे पहले एंटनी ब्लिंकन ने उठाया था मानवाधिकार हनन का मुद्दा

USCIRF Report : अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2021 में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हुए हैं। मोदी सरकार हिंदू राष्ट्र विचारधारा को सिस्टम में ढालने के प्रयास में जुटी है।

USCIRF Report : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर मोदी सरकार की रीति-नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रि​लीजियस फ्रीडम रिपोर्ट ( USCIRF Report ) जारी करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और कई धर्मों का घर माने जाने वाले भारत ( India ) में लोगों और उनके धार्मिक स्थानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। अप्रैल 2022 में भी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ( Antony Blinken ) ने भारतीय विदेश और रक्षा मंत्री के सामने मानवाधिकारों ( Human rights abuses ) के उल्लंघन का मामला उठाया था।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ( Antony Blinken ) ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2021 में 16 लोगों को ईशनिंदा कानून के तहत मृत्युदंड की सजा पाकिस्तानी अदालतों ने दी है।

अल्पसंख्यकों के खिलाफ है मोदी सरकार की नीति

यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट ( USCIRF Report ) में कहा गया है कि 2021 के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता ( Religious Freedom ) में काफी ​गिरावट आई है। इस दौरान भारत में सरकार ( Modi government )ने अपने हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडा को आगे बढ़ाने का सिलसिला तेज किया, जिसका नकारात्मक असर मुस्लिम, सिख, ईसाई, दलित व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पड़ा है। इतना ही नहीं, मोदी सरकार ने अपनी हिंदू राष्ट्र विचारधारा को सिस्टम में ढालने का प्रयास राष्ट्रीय और राज्यों के स्तर पर पुराने व नये कानूनों के जरिए किया जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं।

मानवाधिकार उल्लंधन के मामलों में निगरानी की जरूरत

इससे पहले 12 अप्रैल 2022 को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ( Antony ) ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा​ कि हम मानवाधिकारों पर अपने भारतीय पार्टनरों के साथ नियमित रूप से जुड़ते हैं और इसके लिए हम भारत में हाल में हुए कुछ घटनाक्रमों की निगरानी कर रहे हैं। भारत में सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन में वृद्धि देखी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की डेमोक्रेटिक् पार्टी की सांसद इल्हान उमर ने कुछ दिन पहले ही भारतीय मुसलमानों पर हो रहे कथित अत्याचार को लेकर कहा था कि इससे पहले कि हम उन्हें शांति का साथी मानना बंद कर दें, मोदी को उन पहलुओं पर गौर फरमाने की जरूरत है कि भारत की मुस्लिम आबादी के साथ क्या करने की ज़रूरत है?

भारतीय मामलों में अमेरिका को बोलने का अधिकार नहीं

अमेरिका के इस बयान के जवाब में भारतीय पक्ष ने पहले अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसे किसी विदेशी सरकार द्वारा अपने नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।


(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू-ब-रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)

Next Story

विविध