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दूसरे चरण की वोटिंग करीब आते तेजस्वी ने तेज किया नीतीश पर हमला, जेपी नड्डा को बहस की चुनौती
जनज्वार। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग करीब आते-आते राजद नेता व महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव ने जदयू अध्यक्ष व एनडीए के सीएम चेहरे नीतीश कुमार पर हमला तेज कर दिया है। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वे वास्तविक मुद्दों पर बात नहीं करते हैं। तेजस्वी यादव ने इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को खुद से बहस करने की चुनौती दी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि पढाई, कमाई, सिंचाई और दवाई ये बिहार के वास्तविक मुद्दे हैं, जिस पर नीतीश कुमार कभी बात नहीं करते हैं। तेजस्वी ने कहा कि हम वर्तमान और बेहतर भविष्य के बारे में सोचते हैं पर मुख्यमंत्री अतीत का हवाला देते रहना चाहते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी एक खुली बहस करने को तैयार हैं।
'Padayi, Kamayi, Sichai, Dawai' are the real issues of Bihar on which Nitish Kumar never speaks. We're thinking of making present & future better but CM wants to keep referring to the past. We're ready for an open debate with BJP President Nadda Ji also: RJD leader Tejashwi Yadav pic.twitter.com/ie0yPNmpmq
— ANI (@ANI) October 31, 2020
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में 30 हजार करोड़ के 60 बड़े घोटाले हुए हैं। उन्होंने पीएम मोदी के पुराने भाषण का वीडियो शेयर कर लिखा है कि इनमें से 33 प्रधानमंत्री आज से पांच साल पहले स्वयं गिना रहे थे। इसके बाद सृजन घोटाला, धान घोटाला, शौचालय घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला सहित हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
आदरणीय नीतीश जी के शासनकाल में अब तक 30 हज़ार करोड़ के 60 बड़े घोटाले हुए है इनमें से 33 तो माननीय प्रधानमंत्री जी आज से 5 वर्ष पूर्व स्वयं गिना रहे थे। खुद सुनिए..
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 31, 2020
उसके बाद सृजन घोटाला, धान घोटाला, शौचालय घोटाला, छात्रवृति घोटाले सहित हज़ारों करोड़ के अन्य घोटाले हुए है। pic.twitter.com/qlesTUUVb1
तेजस्वी यादव ने साथ ही एक बार फिर दोहराया है कि उनका 10 लाख का नौकरी का वादा हवा हवाई नहीं है। उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्रियों व विशेषज्ञों से सलाह मशविरा के बाद यह फैसला लिया गया है कि हमारी सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में यह फैसला लेगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में साढे चार लाख सरकारी रिक्तियां हैं। वहीं, बिहार को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए साढे पांच लाख और नियुक्तियों की जरूरत पड़ेगी।