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बिहार चुनाव 2020

लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुरीद, बोले राजद अब पूंजीपतियों की पार्टी

Janjwar Desk
20 July 2020 4:10 AM GMT
लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुरीद, बोले राजद अब पूंजीपतियों की पार्टी
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चंद्रिका राय पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के पुत्र हैं और कई दफा खुद भी मंत्री रह चुके हैं। वे राज्य सरकार के कार्यों को दस में दस अंक दे रहे हैं।

पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे हैं। बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्यों की वे खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं। चंद्रिका राय परसा से राजद के विधायक हैं। वे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सारण संसदीय सीट से राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी भी थे, पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी से मात खा गए थे।

वे बिहार के बड़े राजनैतिक घराने से आते हैं। उनके पिता दारोगा प्रसाद राय बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे खुद भी कई बार राज्य सरकार में मंत्री और विधायक रह चुके हैं। उनकी पुत्री ऐश्वर्या राय की शादी लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव के साथ हुई थी, पर वह शादी सफल नहीं हो सकी और पारिवारिक विवादों में उलझ गई।

जनज्वार ने विभिन्न मुद्दों को लेकर उनसे बातचीत की। उन्होंने भी सभी मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी, हालांकि पारिवारिक मुद्दों को उन्होंने टाल दिया।

परसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के बारे में चंद्रिका राय ने कहा 'वे आगामी विधानसभा चुनाव परसा सीट से ही लड़ेंगे। पार्टी कौन सी होगी, यह अभी तय नहीं है। हां, इतना तय है कि वह पार्टी राजद नहीं होगी। परसा में सड़क, बिजली और पुल निर्माण के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। सोनपुर-रेवाघाट बांध की सड़क के चौड़ीकरण का महत्वपूर्ण काम पूरा होने की स्थिति में है। इसकी लागत 90 करोड़ रुपये है। हमारे क्षेत्र में 150 से ज्यादा सड़कें बनीं हैं या रिपेयर कराई गईं हैं, जो संभवतः सारण प्रमंडल के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक है। सुवरा से मठिया और झौंवा टोला से इनार तक पुल का निर्माण कराया गया है। क्षेत्र में कई पावर सबस्टेशन बनवाए गए हैं। बिजली को लेकर कोई समस्या नहीं है। 20 से 24 घँटे तक लोगों को बिजली मिलती है। इसके अलावा पोझी में सरकारी ITI की स्थापना कराई गई है। दरियापुर में एक कॉलेज की स्थापना के प्रयास में हैं, जिसे आगे पूरा कराने की कोशिश होगी।'

वैसे उनकी बातों से एक संकेत तो मिलता है कि जदयू की ओर उनका झुकाव बन रहा है, चूंकि राज्य की नीतीश सरकार के कार्यों की वे काफी तारीफ करते हैं। यह पूछे जाने पर कि नीतीश सरकार के कार्यों को आप 10 मे से कितने मार्क्स देंगे, उन्होंने बेझिझक 10 मार्क्स दिया। उन्होंने कहा 'पुराने सरकारों की तुलना में इनका काम काफी अच्छा है। खासकर सड़क और बिजली के क्षेत्र में। गरीबों को घर-घर बिजली पहुंचाई गई है। सिंचाई के लिए अलग फीडर बना दिए गए हैं। जिन गांवों के लोगों ने कभी बिजली के दर्शन नहीं किए थे, उन गांवों में भी 20-22 घँटे बिजली मिल रही है। कभी सड़कों की खराब स्थिति के लिए बिहार का मजाक उड़ाया जाता था और अब गांवों के सुदूर टोलों में भी पक्की सड़क बन गई है। मुख्यमंत्री का विजन और परसेप्शन काफी अच्छा है।'

चंद्रिका राय के बड़े भाई विधानचंद्र राय की पुत्री करिश्मा कुछ दिन पहले राजद में शामिल हुईं हैं। खुद तेजस्वी यादव ने उन्हें राजद की सदस्यता दिलाई है। हालांकि उनके राजद में आने पर तेजप्रताप यादव ने खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। इस मुद्दे पर चंद्रिका राय ने कहा कि हर किसी को इस बात की आजादी है कि वह किस दल में रहे। इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहना। कोई किस दल में शामिल होगा, यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है।

तकनीकी रूप से वे अभी राजद के ही विधायक हैं, पर प्रैक्टिकली अब वे राजद में हैं नहीं। इस बारे में उन्होंने कहा 'हम तकनीकी रूप से राजद के विधायक हैं, पर अब राजद में हैं नहीं। पिछले लोकसभा चुनाव में राजद के कुछ बड़े नेताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरोध में खुलकर काम किया। मैंने पार्टी की समीक्षा बैठक में प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया। पार्टी ने आश्वासन दिया कि ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा गरीबों की पार्टी होने का दंभ भरने वाला राजद अब अमीरों की सेवा कर रहा है। विधान परिषद और राज्य सभा में सिर्फ पूंजीपतियों को भेजा जा रहा है।'

परसा सीट अभी काफी चर्चा में है। राजद चाह रहा है कि इस सीट पर किसी तरह कब्जा बरकरार रखा जाय, भले ही प्रत्याशी कोई और हो। इसी सोच के साथ चंद्रिका राय की भतीजी करिश्मा की पार्टी में इंट्री कराई गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राजद परसा सीट से करिश्मा को अपना उम्मीदवार बनाता है या नहीं। अगर राजद ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया तो वैसी स्थिति में उस सीट पर चाचा-भतीजी आमने-सामने हो सकते हैं।

वैसे तो पिछली घटनाओं के बाद यह तय माना जा रहा था कि चंद्रिका राय अब राजद में नहीं रहेंगे, पर पहली बार एक संकेत अवश्य मिल रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे राजद नहीं, बल्कि जदयू के प्रत्याशी हो सकते हैं। इसका संकेत इस बात से भी मिलता है कि विगत 2015 के विधानसभा चुनाव में परसा से जदयू प्रत्याशी रहे छोटेलाल राय ने पिछले दिनों रांची के रिम्स में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की थी। बताया जाता है कि जदयू में अपने टिकट पर खतरे की आशंका से ही छोटेलाल राय लालू प्रसाद से मिलने गए थे ताकि उस परिस्थिति में वे राजद की ओर से मैदान में आ सकें।

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