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बिहार चुनाव में एनडीए को मिला स्पष्ट बहुमत, राजद सबसे बड़ी पार्टी
जनज्वार। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। एनडीए ने जादुई आंकड़ा 122 से तीन अधिक यानी 125 सीटें हासिल की है। एनडीए में चार घटक दल हैं: भाजपा, जदयू, जीतन राम मांझी का हिंदुस्तान अवाम मोर्चा व मुकेश सहनी की वीआइपी। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं।
अन्य धड़ों, निर्दलीयों को आठ सीटें हासिल हुई हैं। बिहार के इस विधानसभा चुनाव में 91 सीटें जीत कर राजद सबसे बड़ा दल बना है। वहीं, 74 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर है और जनता दल यूनाइटेड 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है।
वीआइपी व हम को चुनाव में चार-चार सीटें मिली हैं। पिछले चुनाव में वीआइपी को एक भी सीट नहीं मिली थी, जबकि हम को एक सीट मिली थी।
Bihar: Posters put up in Patna following the victory of CM Nitish Kumar led NDA in the state.
— ANI (@ANI) November 11, 2020
NDA won 125 seats of which 74 & 43 seats have been won by BJP & JDU, respectively. pic.twitter.com/NKNNRhKWid
कांग्रेस ने 19 सीटें हासिल की है, लोजपा को एक व अन्य को सात सीटें मिली हैं।
हालांकि बिहार चुनाव के इस परिणाम को राजद व कांग्रेस स्वीकार नहीं कर रहा है और महागठबंधन ने चुनाव आयोग से इस मामले की शिकायत की है। महागठबंधन का आरोप है कि कई सीटों पर उसके प्रत्याशी कम मार्जिन से जीते तो उनका सर्टिफिकेट रोक दिया गया और फिर वोटों को काउंटिंग करायी गई जिसमें एनडीए हो विजयी बता दिया गया है। इसी तरह एनडीए के कई प्रत्याशी जो हार रहे थे उन्हें मामूली वोटों से जीत दिलायी गई है।
महागठबंधन ने यह भी संकेत दिया है कि वह इस मामले को कोर्ट में भी ले जा सकता है।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव परिणाम पर बिहार की जनता का आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पहला पाठ पढ़ाया है। आज बिहार ने दुनिया को फिर बताया है कि लोकतंत्र को मजबूत कैसे किया जाता है। रिकॉर्ड संख्या में बिहार के गरीब, वंचित और महिलाओं ने वोट भी किया और आज विकास के लिए अपना निर्णायक फैसला भी सुनाया है।
मोदी ने ट्वीट में कहा है: बिहार के प्रत्येक वोटर ने साफ.साफ बता दिया कि वह आकांक्षी है और उसकी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ विकास है। बिहार में 15 साल बाद भी एनडीए के सुशासन को फिर आशीर्वाद मिलना यह दिखाता है कि बिहार के सपने क्या हैं, बिहार की अपेक्षाएं क्या हैं। बिहार के युवा साथियों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नया दशक बिहार का होगा और आत्मनिर्भर बिहार उसका रोडमैप है। बिहार के युवाओं ने अपने सामर्थ्य और एनडीए के संकल्प पर भरोसा किया है। इस युवा ऊर्जा से अब एनडीए को पहले की अपेक्षा और अधिक परिश्रम करने का प्रोत्साहन मिला है।