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अंधविश्वास : बाढ़ से रक्षा के लिए महिलाएं कर रहीं कमला मैया की पूजा, पहले हो चुका है कोरोना माई का पूजन
नदी तट पर कमला मैया की पूजा कर रहीं महिलाएं
जनज्वार। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए बिहार में महिलाओं द्वारा कोरोना माई की पूजा ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। अब यहां बाढ़ के प्रकोप को कम करने के लिए कमला माई की पूजा हो रही है। सरकारी कोशिशों पर भरोसा न कर ये महिलाएं अपनी प्रार्थना पर ज्यादा भरोसा कर रहीं हैं।
बिहार के समस्तीपुर जिला में कमला, कोशी और गंडक नदी के उफान से कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। कई पंचायतों का प्रखंड मुख्यालयों से सम्पर्क भंग हो चुका है। विभूतिपुर, हसनपुर, रोसड़ा, सिंघिया, शिवाजी नगर आदि प्रखंडों से होकर ये नदियां गुजरती हैं। इधर शिवाजी नगर प्रखंड के बीचोंबीच होकर गुजरने वाली करेह नदी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है। नदी किनारे के गांवों के लोग बांधों पर शरण लेने लगे हैं। सरकारी राहत का इंतजार कर रहे लोग अब भगवान की प्रार्थना और पूजा-पाठ कर रहे हैं ताकि नदी का जलस्तर थम जाय और बाढ़ का प्रकोप कम हो सके।
करेह नदी के बढ़ते जलस्तर से घबराई शंकरपुर पंचायत की औरा गांव की महिलाएं अब करेह नदी के तट पर पूजा कर रहीं हैं। ये महिलाएं करेह और कमला मैया की पूजा कर रहीं हैं ताकि बाढ़ से बच सकें। गांव के लगभग सभी घरों की महिलाएं अपने बच्चों के साथ नदी तट पर पूजा-पाठ कर रही हैं।
धूप-अगरबत्ती, दूध, फूल, प्रसाद आदि नदी तट पर चढ़ाए जा रहे हैं। साथ ही देवी माँ के लोकगीत भी महिलाएं गाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश कर रहीं हैं। नदी किनारे पूजा कर रही प्रमिला, सुंदरी, सुशीला, आदि महिलाओं ने कहा कि दिन-प्रतिदिन नदी के जलस्तर में बढोत्तरी हो रही है। करेह नदी के दाएं और बांए दोनों किनारों पर रिसाव हो रहा है। जीवन भर की कमाई से घर-बार बनाए हैं, इनपर खतरा मंडरा रहा है। बाल-बच्चों और परिवार पर भी खतरा लग रहा है।
महिलाओं ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कमला मैया की कृपा से उनका गांव बाढ़ से सुरक्षित रहेगा। नदी के उफान में कमी आएगी और गांव में फिर से खुशियां लौट आएंगी। इसीलिए पूजा-अर्चना कर रहीं हैं।
इधर करेह नदी में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पानी बह रहा है। इस कारण जर्जर बांध में कई जगह रिसाव हो रहा था। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ग्रमीणों के सहयोग से रिसाव पर भराई कर उसे बंद किया गया है। वहीं कंकर, बिशनपुर, डेल्ही, मझरैहा, बोरज आदि गांवों में रिसाव रोकने का काम अभी भी चल रहा है।