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हाथरस सत्संग कांड में 121 लोगों की मौत के जिम्मेदार भोले बाबा समेत 20 पाखंडी संतों को ब्लैकलिस्टेड करने की तैयारी में अखाड़ा परिषद !
Hathras Stampede : हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें ज्यादातर महिलायें शामिल हैं। यह बात अलग है कि एफआईआर में इन मौतों के लिए जिस भोले बाबा को पहला दोषी बताकर उस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी, उसे आरोपी तक नहीं बनाया गया है। शासन—प्रशासन ने भले ही इस तथाकथित भगवान भोले बाबा को बचाने के लिए अपने पूरे तंत्र को लगा दिया है, मगर अखाड़ा परिषद ने ऐसे पाखंडी संतों के खिलाफ कमर कसने की तैयारी कर ली है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने मीडिया को दिये बयान में कहा है, खुद को त्रिकालदर्शी, भगवान, परमब्रह्म और ईश्वरीय अवतार बताकर भोली-भाली जनता को ठगने वाले बाबाओं को हम लोग ब्लैकलिस्टेड करने जा रहे हैं। इनमें हाथरस में सौ से भी ज्यादा लोगों की मौत के जिम्मेदार नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा, सेक्स सीडी कांड में फंसने के बाद दक्षिणी अमेरिका के इक्वाडोर में अलग देश बसाने का दावा करने वाले स्वामी नित्यानंद, बाबा राम रहीम समेत 20 से अधिक बाबाओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने अलग-अलग समय में जनता को भगवान के नाम पर मूर्ख बनाने का काम किया है। न सिर्फ भक्ति के नाम पर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, बल्कि जुर्म की दुनिया में इनकी संलिप्तता जगजाहिर होती जा रही है।
अखाड़ा परिषद के मुताबिक 20 ढोंगी बाबाओं को ब्लैकलिस्टेड करने के लिए सभी 13 अखाड़ों के बीच सहमति बन चुकी है। कुंभ मेला प्रशासन के साथ 18 जुलाई को होने जा रही बैठक में अखाड़ा परिषद की ओर से इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। मेला अधिकारी को कहा जाएगा कि इन ढोंगी स्वयंभू बाबाओं को मेले में बसने में भूमि और सुविधाएं न दी जाएं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी कहते हैं, भोली भाली जनता को मूर्ख बनाकर अपने भक्तिजाल में फंसाने वाले तरह-तरह के रूपों वाले पाखंडी बाबाओं की सूची अखाड़ा परिषद द्वारा तैयार कर ली गयी है। इस बार इन ढोंगी बाबाओं को महाकुंभ में अपनी दुकानें नहीं सजाने दी जायेगी। इस बारे में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की सहमति बन चुकी है कि पाखंडी बाबाओं की सूची जारी कर दी जाये।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के मुताबिक ढोंगी-पाखंडी बाबाओं को महाकुंभ में बसने के लिए भूमि और शिविर की सुविधाएं नहीं दी जाएं, इसकी मांग मेला प्रशासन के समक्ष रखी जायेगी। गौरतलब है कि मेला प्रशासन कुंभ में बसने वाली धार्मिक संस्थाओं, महामंडलेश्वरों का सर्वे कराने में जुटा हुआ है और संतों के आवेदन भी आने शुरू हो गए हैं। अगले महीने आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल खुल जाएगा। हाथरस कांड के बाद से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी धर्म के नाम पर पाखंड करने वाले बाबाओं के खिलाफ सक्रिय हो गया है।
अखाड़ा परिषद ने मीडिया को जारी बयान में कहा है, संतों को लोकहित और परोपकार के जरिए समाज में संस्कार और मर्यादा का वातावरण पैदा करना चाहिए। इसके विपरीत ढोंगी बाबा समाज को अंधविश्वास और पाखंड के जाल में फंसाकर न सिर्फ गुमराह कर रहे हैं, बल्कि उनकी जान लेने पर भी उतारू हो गये हैं।
गौरतलब है कि हाथरस सत्संग कांड का दोषी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा भक्तों के सामने खुद को परम ब्रह्म बताता रहा है। वह कहता है, वही ब्रह्मा, विष्णु, महेश है, जब चाहेगा प्रलय कराकर सृष्टि को मिटा देगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि भोले बाबा जैसे 20 ढोंगी बाबाओं की सूची अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा शासन को दी जायेगी, ताकि उन्हें महाकुंभ में भूमि-सुविधाओं से वंचित किया जा सके।