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अंधविश्वास

Blind Faith in Bihar: गंगा घाट पर अंधविश्वास का मेला, कार्तिक पूर्णिमा पर भूतों को बुलाने का दावा करते भगत

Janjwar Desk
19 Nov 2021 4:51 PM GMT
Blind Faith in Bihar: गंगा घाट पर अंधविश्वास का मेला, कार्तिक पूर्णिमा पर भूतों को बुलाने का दावा करते भगत
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(भगतों के साथ पूजा पाठ करती महिला) Pic Credit: DB

Blind Faith in Bihar: कुछ देर बाद भगत ने गीत गाना शुरू किया। सामने बैठी महिलाएं धीरे-धीरे झूमने लगीं। फिर अचानक महिलाएं जोर-जोर से सिर आगे पीछे घुमाने लगीं...

Blind Faith in Bihar: कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर लोग पवित्र नदी गंगा में श्रद्धा भक्ति के साथ डुबकी लगाते है वहीं कुछ लोग इसी पवित्र स्थल पर अंधविश्वास का मेला सजाते हैं।

अंधविश्वास का ऐसा ही नजारा शुक्रवार, 19 नवंबर को पटना के कलेक्ट्रियट गंगा घाट पर दिखा जहां कई सारे भगत भूतों को नचा रहे थे। भगतों ने दावा किया कि वहां पर मौजूद महिलाओं के शरीर में भूत प्रवेश कर गए है इसलिए वे झूम रही हैं। भगतों की ताल पर नाचती महिलाओं में से कुछ ग्रामीण इलाकों से आई थी तो कुछ शहरी महिलाएं भी थी।

ढोलक - डफली के ताल पर थिरकी महिलाएं

बता दें कि पटना स्थित कलेक्ट्रिएट घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन काफी भीड़ उमड़ती है। शुक्रवार को भी यहां लोगों की अच्छी तादाद थी। इस दौरान घाट किनारे कुछ भगत और महिलाओं का भूत नचाने वाला खेल शुरू होगया। भगत गीत-गाते रहे और ढोलक-डफली पर महिलाएं थिरकती रहीं। थिरकने के बाद महिलाओं के शरीर में मौजूद भूतों ने भगत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। दोनों ने हाथ मिलाया और फिर आपस में घंटों सवाल-जवाब हुए। भूतों ने भगतों से कहा, "ठीक है अब आप जैसा कहेंगे, वैसा ही करेंगे।" एक महिला बोलती दिखी, "जहां से बोलेंगे वहां से कूद जाएंगे।" यानी भगतों ने भूतों को अपने वश में कर लिया और उनसे सरेंडर करवाया।

दूर दराज क्षेत्र से पहुंची थी महिलाएं

इस अंधविश्वास के हुजूम में भाग लेने घाट पर भगतों की ऐसी दर्जनों मंडलियां दिखीं। कोई गया जिला से तो कोई जहानाबाद से यहां पहुंचे थे। महिलाएं भी दूर इलाकों से अपने परिवार के साथ यहां पहुंची। भगतों ने पहले पूजा पाठ से शुरुआत की। फिर नए कपड़े और फल-फूल चढ़ाए गए।

कुछ देर बाद भगत ने गीत गाना शुरू किया। सामने बैठी महिलाएं धीरे-धीरे झूमने लगीं। फिर अचानक महिलाएं जोर-जोर से सिर आगे पीछे घुमाने लगीं। यह सब भगत के गीत और ढोल के रिदम के साथ चलता रहा। इन्ही महिलाओं में से एक महिला ने बताया कि तबीयत खराब रहती है। देवी-देवता ने धड़ लिया है। इसलिए गंगा नहाने आए हैं। महिला ने बताया कि बिना कारण के कोई यहां नहीं झूमता है।

भगत के साथ महिलाओं ने बीड़ी सुलगाई

कुछ जगहों नाच गाने के साथ बीड़ी भी सुलगाई गई और भगतों के साथ महिलाए भी बीड़ी पीती नजर आईं। अंधविश्वास से भरपूर नाच गायन का यह कार्यक्रम घंटों तक चला। इस दौरान प्रशासन पुलिस इससे बेखबर रही। जानकारी के अनुसार, बिहार की राजधानी पटना के गंगा घाटों पर हर साल कार्तिक पूर्णिका के दिन सुबह 5-6 बजे से ही यह खेल शुरू हो जाता है और घंटों तक चलता है। भगत महिलाओं से इसके बदले नए कपड़े और पैसा लेते हैं।

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