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Blind Faith: पेड़ काटने से मना किया तो महिला को टोनही बताया, MSc पास युवक की शिकायत लेकर महिला आयोग पहुंची पीड़िता
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने मामले की सुनवाई की (फोटो साभार: सोशल मीडिया)
Chhattisgarh Blind Faith: छत्तीसगढ़ महिला आयोग के पास डायन टोनही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक युवक को महिला ने पेड़ काटने से मना किया तो उसपर डायन टोहनी का आरोप लगा दिया गया। हैरानी की बात तो ये है कि आरोप लगाने वाला युवक पढ़ा लिखा एमएससी पास है। पीड़ित महिला अपनी शिकायत लेकर छत्तीसगढ़ महिला आयोग के पास पहुंची जहां बुधवार, 20 अक्टूबर को सुनवाई हुई।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को टोनही का आरोप लगाकर प्रताड़ित करने का मामला नया नहीं है। आमतौर पर ऐसे मामले ग्रामीण इलाकों में देखे जाते हैं। लेकिन महिला पर ये आरोप तथाकथित नए जमाने के पढ़े लिखे युवक ने लगाया है। रायपुर की पुरानी बस्ती निवासी एक मितानित ने तंग आकर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयाेग से पड़ोसी युवक की शिकायत की।
बुधवार, 20 अक्टूबर को महिला आयोग के दफ्तर में सुनवाई हुई तो पता चला कि जिस युवक की शिकायत हुई है वह इलेक्ट्रॉनिक्स में MSC पास है। शिकायत करने वाली महिला 'मितानिन' है और उसके पड़ोस में रहती है। शिकायत में पीड़ित महिला ने कहा कि, 'आरोपी उसे डायन, टोनही कहकर इलाके में बदनाम करता है।
वहीं, अपने बचाव में युवक ने बताया कि, मोहल्ले में डूमर के पेड़ से दुर्गंध आती है और लोगों का सांस लेना मुश्किल है। उसने उस पेड़ को काटने का आवेदन दिया है। लेकिन उसकी पड़ोसी मितानिन उस पेड़ को नहीं कटने दे रही। इसकी वजह से जादू-टोने की बात आई है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने दोनों पक्षों की बात सुनी और कहा कि, सभी तथ्यों को सुनने के बाद साफ हो गया है, आरोप लगाने वाला युवक खुद बेरोजगार है। घर में बैठा हुआ है और कोई कार्य नहीं करता है। इसलिए वह पड़ोसी महिला को जादू टोना के नाम से लगातार परेशान कर रहा है। ऐसे में इसकी जांच पुलिस से कराने के पूरे तथ्य मौजूद हैं। आयोग ने महिला से कहा कि वह आयोग में पेश किए गए सभी दस्तावेज लेकर पुरानी बस्ती थाने जाए और युवक के खिलाफ टोनही प्रताड़ना कानून के तहत FIR दर्ज कराए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी टोनही प्रताड़ना के नाम पर महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है। लोगों के मन से जादू-टोना और अंधविश्वास दूर करने को लेकर राज्य सरकार द्वारा साल 2005 में कानून लाया गया। टोनही प्रताड़ना के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 बनाया है।
इस अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी को टोनही के रूप में पहचान या टोनही के नाम से बुलाने पर तीन साल का कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। टोनही महिला के रूप में पहचान बताकर उसे प्रताड़ित करने पर सजा का प्रावधान है। वहीं, टोनही के नाम पर किसी महिला का झाड़-फूंक या टोटके से इलाज करने पर भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।