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Madhya Pradesh Crime News : बच्चियों की तबियत हुई खराब तो झाड़-फूंक का लिया सहारा, इलाज असफल होने पर कर दी तांत्रिक की हत्या
Uttar Pradesh Crime News : कलयुगी बेटे ने पिता और दो सगी बहनों की धारदार हथियार से की हत्या, मां ने कराया केस दर्ज
Madhya Pradesh Crime News : भले ही विज्ञान और सुचना- तकनीक के मामले में देश बहुत आगे बढ़ गया हो लेकिन आज भी समाज के कुछ लोग अंधविश्वास (Blind Faith) में डूबे हुए हैं। बीमारी हो या कोई भी अन्य वजह, कुछ लोग तंत्र-मंत्र और टोटकों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। यही वजह है कि वे तांत्रिक से झाड़- फूंक करने में समय निकल देते हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) स्थित कुंडम के उचेहरा गांव इस बात का प्रमाण है। बता दें कि यहां 52 साल के व्यक्ति की हत्या कर दी गई है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि अंधविश्वास पूरी तरह से लोगों के अंदर से नहीं गया है। बता दें कि दो व्यक्तियों ने इस बात पर तांत्रिक की हत्या कर दी कि वह उनके बच्चियों का भाव नहीं उतार पाया।
हत्या कर पेड़ से लटकाया शव
दरअसल कुछ दिन पहले कुंडम के उचेहरा में ग्रामीणों को सुनील बरकड़े की लाश पेड़ पर लटकी हुई मिली। सुनील बरखड़े तांत्रिक का काम करता था। ग्रामीणों ने इसकी सुचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच पड़ताल शुरू कर दी। इस पुरे प्रकरण में जवारे विसर्जन के दौरान मन्नू और फूलसहाय के परिवार में दो बच्चियों को भाव आया था। जिसे उतरने के लिए मन्नू और फूलसहाय सुनील बरकड़े के पास पहुंचे और बच्चियों का बाव उतारने को कहा।
बच्ची नहीं हुई ठीक तो कर दी हत्या
सुनील बरकड़े ने बच्चियों का भाव उतारने की बहुत कोशिश की लेकिन इसमें वह असफल हुआ। जिसके बाद मन्नू और फुलसहाय नाराज हो गए। उन्होंने गुस्से में आकर खेरमाई मंदिर के पास सुलीन बरकड़े के साथ जमकर मारपीट के और लाठियों से मार- मारकर लहूलुहान कर दिया। कुछ नुकीले धारदार हथियार से भी हमला किया। इसकी वजह से सुलीन बरकड़े की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद आत्महत्या का दिया रूप
हत्या करने के बाद मन्नू और फुलसहाय ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने ले लिए सुनील के शव को पेड़ से लटका दिया और मौके से फरार हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उचेहरा गांव में ग्रामीण अंधविश्वास को ज्यादा महत्त्व देते हैं। यही कारण है कि तांत्रिक सुनील बरकड़े जब भाव नहीं उतार पाया तो ग्रामीणों ने दूसरे गांव के कुछ तांत्रिकों को गांव बुलाया और बच्चियों का भाव उतारने के लिए पूजा पाठ करवाया।