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Mass Hysteria Uttarakhand School : अब बागेश्वर के इस स्कूल में एक के बाद एक कई छात्रायें हुईं बदहवास, मास हिस्टीरिया या भूत का साया!
Mass Hysteria Uttarakhand School Bageshwar : बागेश्वर जिले के रैखाली क्षेत्र के एक स्कूल में मास हिस्टीरिया का मामला सामने आने के बाद अब सनेती के इंटर कॉलेज में भी मास हिस्टीरिया की घटना सामने आई है। विद्यालय में हाईस्कूल और इंटर के परीक्षा फार्म भरे जाने के दौरान अचानक एक छात्रा का स्वास्थ्य बिगड़ने की घटना के बाद उसकी देखादेखी अन्य लड़कियां भी बदहवास होने लगी। अधिकारी घटना को फिलहाल मामूली बता रहे हैं।
जहां ग्रामीण इसे भूत का साया मान रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह मास हिस्टीरिया है, जिसमें छात्रायें एक दूसरे को देखकर प्रभावित हो जाती हैं।
जनपद के रैखाली के बाद मास हिस्टीरिया की समस्या बागेश्वर के इस इंटर कॉ लेज सनेती में भी देखने को मिली है। चार दिनों के दौरान आठ छात्राओं की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्राएं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में पढ़ने वाली इन छात्राओं को स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण फिलहाल उन्हें स्कूल से जल्दी छुट्टी दे दी जा रही है।
इंटर कॉलेज सनेती के इस विद्यालय में हाईस्कूल और इंटर के परीक्षा फार्म भरे जाने के दौरान मंगलवार को अचानक एक छात्रा का स्वास्थ्य बिगड़ गया जिसकी देखादेखी अन्य लड़कियां भी बदहवास होने लगी। इसके बाद शुक्रवार 5 अगस्त को भी एक.एक कर पांच बालिकाएं बदहवासी की हालत में चली गईं। विद्यालय में बालिकाओं का इस तरह से अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अन्य छात्र.छात्राओं की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।
जबकि विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य गोविंद सिंह भौर्याल का कहना है कि छात्राओं का स्वास्थ्य कुछ मिनट के लिए बिगड़ता है और फिर ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी विद्यालय में इस तरह की परेशानी हो चुकी है। छात्राओं में जुलाईए अगस्त के दौरान इस तरह की बीमारी देखी जाती है। कुछ समय तक बदहवास रहने के बाद लड़कियां सामान्य हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लगे स्वास्थ्य शिविर में बालिकाओं की जांच कराई गई थीए जांच रिपोर्ट में सभी छात्राएं सामान्य पाई गई।
जबकि बागेश्वर के सीईओ जीएस सौन ने बताया कि बागेश्वर सनेती में कुछ बालिकाओं के अचानक बदहवास होने के बारे में प्रधानाचार्य से जानकारी ली है। मामला गंभीर नहीं हैए केवल एक.दो मिनट में छात्राएं बदहवास होकर सामान्य हो जाती हैं। स्वास्थ्य शिविर में छात्राओं की जांच कराई जा चुकी है। अगर मामला गंभीर हुआ तो छात्राओं की अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी।