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अंधविश्वास के चक्कर में मौत का एक और खेल, तांत्रिक के चक्कर में चाचा ने नवजात बच्ची की ले ली जान
Uttar Pradesh News : तांत्रिक ने महिला को दिखाया भुत का डर, जाप करवाने के बहाने बंधक बनाकर लूटे सारे गहने
जनज्वार। आस्था के अंधेपन में बढ़ते अंधविश्वास के चलते आए दिन मानवता को शर्मसार करनेवाली घटनाएं हो रही हैं। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में भूतप्रेत के चक्कर में दो दिन पूर्व एक महिला की पीटकर हत्या कर देने का मामला जहां प्रकाश में आया था,वहीं एक दिल दहला देनेवाली घटना सीमापार पाकिस्तान के एक कस्बे से आई है।जहां तांत्रिक के चक्कर में फंसकर एक चाचा ने नवजात बच्ची को अपने हाथों ही गला घोंटकर कुंए में फेंक दिया।
देश व समाज के विकास के साथ ही वैज्ञानिक समझ पर जहां हर कोई जोर दे रहा है,वहीं अंधविश्वास के चक्कर में फंशकर मानवता को शर्मसार करनेवाली घटनाएं भी प्रकाश में आ रही हैं। टोना टोटका, झाड़ फूंक, तांत्रिक आदि सेे जुड़ी ऐसी तमाम बहशीपनभरी घटनाएं सामने आ रही हैं। इसको लेकर सरकारी संस्थानों के तरफ से तमाम जागरूकता के प्रयास का भले ही दावा किया जाय,लेकिन समाज के लिए कलंकभरी घटनाएं कम नहीं हो रही है।
इससे संबंधित वारदात मात्र ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं शहर व कस्बों से भी कभी कभार सुनाई देती है। अंधविश्वास का यह खेल अपने देश से लेकर पास पड़ोस के देेेशों में भी हो रही हैै। हाल में ही हुई यह घटना पाकिस्तान के कस्बा टंडियानवाल की है। यहां एक व्यक्ति ने किसी तांत्रिक के कहने पर अपनी 15 दिन की भतीजी की हत्या कर दी।
कस्बा टंडियानवाल निवासी मेहताब खान के घर एक बेटी ने जन्म लिया। बेटी के जन्म के 2 दिन बाद मेहताब की मां का देहांत हो गया। इस कारण मेहताब के भाई असगर को वहम हो गया कि पैदा हुई लड़की परिवार के लिए शुभ नहीं है। उसने फैसलाबाद के एक तांत्रिक अल्ला रक्खा से सम्पर्क किया तो उसने असगर को बताया कि पैदा हुई लड़की परिवार के लिए शुभ नहीं है तथा जब तक यह लड़की जीवित रहेगी यह परिवार के लिए समस्याएं ही खड़ी करती रहेगी। इसके बाद से ही असगर बच्ची को ठिकाने लगाने के फिराक में लग गया। आखिरकार अपने मंसूबों को पूरा करने में कामयाब रहा। जिससे परिवार के अन्य सदस्य अनभिज्ञ थे।
26 जून की शाम नवजन्मी लड़की अचानक घर में कहीं नहीं मिली तो पुलिस को इस संबंध में शिकायत की गई। पुलिस ने हालात को देखते हुए लापता लड़की के चाचा को शक के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि बच्ची का कत्ल कर उसे कुएं में फेंक दिया है। पुलिस ने एक सुनसान जगह में बने पुराने कुएं से बच्ची का शव बरामद कर लिया।इस हृदयविदारक घटना को सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया।
बताया जाता है कि शिशु के जन्म के बाद तकरीबन सवा माह तक चलनेवाले रस्मों रिवाज को पूरा करने के बजाय चाचा ने ही बच्ची की जान ले ली। जबकि परिवार से जुड़े लोगों का कहना है कि जिस चाचा ने बच्ची की जान ली उसके उपर पहले अपनी मां के इंतकाल के बाद 40 दिनों तक चलनेवाले पारंपरिक रीति रिवाजों को पूरा करने की जिम्मेदारी थी। इसे करने के बाजए अंधविश्वास के चलते उसके
तांत्रिक की बात को सही मान ली व ऐसी घटना को अंजाम दे दिया जिसके लिए उसे कोई माफ नहीं कर सकता, जिसका अंजाम रहा है कि अब असगर जेल के सलाखों के पीछे है।