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UP : पत्नी पर वशीकरण के शक में पड़ोसी बुजुर्ग को काटा डाला फिर खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर थाने पहुंचा आरोपी
(वारदात के बाद घटनास्थल पर मुआयना करते अधिकारी)
जनज्वार, लखनऊ। यूपी के महोबा (Mahoba) स्थित थाना श्रीनगर के भंडरा गांव में पत्नी का वशीकरण करने के शक में पड़ोसी वृद्ध की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी खून लगी कुल्हाड़ी लेकर थाने पहुँचा और घटना की जानकारी दी। मृतक के भतीजे की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
भंडरा गांव निवासी 60 वर्षीय लक्ष्मण अहिरवार खेती-किसानी के साथ कई वर्षों से झाड़फूंक का काम करता था। पड़ोसी किशोरी अहिरवार को शक था कि लक्ष्मण ने झाड़फूंक करके उसकी पत्नी का वशीकरण कर लिया है। इसी बात को लेकर कई बार दोनों के बीच विवाद हुआ।
शनिवार 17 जुलाई की सुबह लक्ष्मण अहिरवार खेतों से लौटने के बाद नीम के पेड़ के नीचे बैठ गया। तभी किशोरी अहिरवार ने कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर दिए। सिर व चेहरे में कई बार हमला किए जाने से लक्ष्मण की मौके पर मौत हो गई। हत्या करने के बाद आरोपी कुल्हाड़ी लेकर थाना श्रीनगर पहुंच गया। जहां पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
वारदात की सूचना मिलते ही एएसपी आरके गौतम, सीओ कुलपहाड़ तेजबहादुर सिंह, थानाध्यक्ष संजय शर्मा पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों से पूछताछ की। मृतक के भतीजे बालादीन अहिरवार की तहरीर पर आरोपी किशोरी अहिरवार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। सीओ कुलपहाड़ ने बताया कि मृतक व आरोपी के घर आमने-सामने हैं।
सुबह आठ बजे कुल्हाड़ी से हमलाकर वृद्ध की हत्या की गई है। आरोपी किशोरी ने जो स्वीकारा है, उससे जाहिर होता है कि आरोपी को शक था कि वृद्ध के अवैध संबंध उसकी पत्नी से हैं। आलाकत्ल बरामद किया गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है।
थाना श्रीनगर में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी उस समय दंग रह गए। जब सुबह करीब साढ़े आठ बजे युवक हाथ में खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर पहुंच गया। पुलिस कर्मियों ने मामला जाना तो उच्चाधिकारियों को सूचना दी। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि पड़ोसी लक्ष्मण ने उसकी पत्नी का वशीकरण झाड़फूंक के माध्यम से कर लिया था। जिसके चलते उसने घटना को अंजाम दिया।
भंडरा गांव निवासी मृतक लक्ष्मण अहिरवार अपनी 15 साल की पुत्री भारती के साथ घर पर रहता था जबकि उसके तीन पुत्र रवि, संजय व धर्मेंद्र अपनी मां संतोषी के साथ दिल्ली में रहकर मेहनत-मजदूरी का काम करते थे। घटना की सूचना पर तीनों पुत्र गांव के लिए रवाना हो गए। घर में अकेली मृतक की पुत्री भारती का रो-रोकर बुरा हाल रहा। परिवार की महिलाएं व पड़ोसी ढांढस बंधाते रहे।