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जादू टोना के फेर में महिला की पीटकर हत्या, अंधविश्वास के चक्कर में पन्ना जिले की दूसरी घटना
जनज्वार। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में जादू टोना के चक्कर में एक महिला को बंधक बना कर कुछ लोगों ने इतना पीटा की उसकी जान चली गई। इस घटना के विरोध में उग्र ग्रामीणों ने थाने पर पथराव तथा सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। पिछले आठ माह में जिले मे अंधविश्वास के चक्कर में यह दूसरी घटना है।
सवाल उठता है कि लोगों में वैज्ञानिक समझ पैदा किए बिना ऐसे वारदातों में कमी लाना संभव नहीं है। दूसरी तरफ हाल यह है कि इसकी जिम्मेदारी जिस सरकार व उनके जनप्रतिनिधि को उठानी चाहिए, वे ही समय समय पर आस्था के नाम पर अपने कारनामों के चलते अंधविश्वास को बढ़ावा देने में मददगार साबित होते हैं।
ताजा घटना पन्ना जिले के अमानगंज थाना क्षेत्र के चाका गांव की है। उपहार में भूत-प्रेत होने के आरोप लगा कर कुछ लोगों ने महिला की पिटाई की थी। इस संबंध में बताया जाता है कि 22 जून की रात 10 बजे चाका निवासी घसुटिया बाई चैधरी और उसके पति चिधियां चैधरी को गांव के राम प्रसाद प्रजापति, धर्मदास प्रजापति और मस्तराम प्रजापति ने बंधक बनाकर जमकर पीटा था।
आरोपितों का कहना था कि हमारी बहू को शादी में घसुटिया बाई ने जो उपहार दिया था, उसमें भूत-प्रेत हैं। जब इस मारपीट की सूचना घसुटिया बाई के स्वजनों को मिली तो वे आरोपितों के घर पहुंचे और उनके साथ मारपीट की थी। इसके बाद आरोपितों ने घसुटिया बाई को बंधक बनाकर इतना पीटा कि वह मरणासन्न हो गई।
जानकारी मिलने पर अमानगंज पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अमानगंज अस्पताल पहुंचाया दोनों पक्षों पर मामला दर्ज किया गया है। इलाज के दौरान जबलपुर के अस्पताल में घसुटिया बाई की 26 जुन को मौत हो गई। यह खबर मिलते ही स्वजन सैकड़ों ग्रामीणों के साथ अमानगंज थाने पहुंचे और हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
इसके बाद थाने के सामने पन्ना- कटनी मार्ग पर शव रखकर जाम कर दिया और एसपी को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे।पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ दिया। इससे आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ को उग्र तो देखकर पुलिस भी भागने लगी।
इस बीच भीड़ ने अमानगंज थाने में पथराव कर दिया। इससे कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। तनाव बढ़ता देख आसपास के कई थानों व पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। यह हंगामा करीब चार घंटे तक चलता रहा। बाद में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देते हुए पुलिस ने चक्काजाम समाप्त कराया।
इस घटना से पन्ना जिले में अंधविश्वास के चलते देवी मां को खुश करने के लिए एक महिला द्वारा अपने 24 वर्षीय बेटे को बलि चढाने का मामला ताजा हो गया है। सोते समय कुल्हाडी से गले पर वार कर दूसरे दिन तडके बलि चढा दी थी। कोहनी गांव की यह घटना पिछले वर्ष अक्टूबर माह की है।
विज्ञान क्रांति के दौर में हम भले ही अंतरिक्ष और चांद पर घर बसाने की सोच रहे हों, लेकिन अंधविश्वास अब भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा है। वैज्ञानिक युग के बढ़ते प्रभाव के बावजूद अंधविश्वास की जड़ें समाज से नहीं उखड़ रही हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जादू-टोना के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किए जाने की घटना निरंतर जारी है।हालांकि कानून इसको प्रतिबंधित करता है।
धारा 51 ए एच में स्पष्ट उल्लेख है कि सभी नागरिकों की बुनियादी जिम्मेदारी होगी कि वह वैज्ञानिक चिंतन, मानवता और अनुसंधान को विकसित करेंगे।जबकि इसके विपरित आचरण खास लोगों द्वारा किए जाने के उदाहरण आए दिन मिलते हैं,तो अन्य लोगों से कितनी वैज्ञानिक चेतना की हम उम्मीद कर सकते हैं।