इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को लगाई फटकार, कहा नाईट कर्फ्यू आंख में धूल झोंकने वाला, VIP की शिफारिश पर ICU में भर्ती हो रहे ज्यादातर मरीज
(यूपी में रविवार की देर रात 18 आईएएस अधिकारियों के तबादले)
जनज्वार डेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार को पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए। हालांकि, योगी सरकार ने लॉकडाउन लगाने से इनकार करते हुए कहा है कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। इसलिए शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा। इस दौरान कोर्ट ने कोरोना से बचाव को लेकर यूपी सरकार की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणियां की हैं।
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने कहा, 'इस तरह की स्थिति में कोरोना कर्फ्यू के नाम पर नाइट कर्फ्यू कुछ और नहीं, बल्कि आंख में धूल झोंकने वाला है। इसके जरिए संभवतः यह दिखाने का प्रयास किया गया कि हमारे पिछले आदेश का ख्याल रखा गया है। हम देख रहे हैं कि ज्यादातर लोग मास्क नहीं लगा रहे।'
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि हम इस तथ्य से आंख नहीं मूंद सकते कि किंग जॉर्ज अस्पताल और एसआरएन जैसे अन्य अस्पतालों के बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमित होने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया है। यहां तक कि मुख्यमंत्री लखनऊ में आइसोलेशन में हैं। यदि लोकप्रिय सरकार की अपनी खुद की मजबूरियां हैं और वह इस महामारी में लोगों का आवागमन नहीं रोक सकती तो हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।'
कोर्ट ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से स्थिति और खराब हुई है। यदि चीजों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो पूरा सिस्टम बैठ जाएगा और राहत 'वीआईपी एवं वीवीआईपी' तक ही सीमित रह जाएगी।