देश का पहला कोविड अस्पताल हुआ सेना के हवाले, अगले दो दिनों में बढ़ायी जायेगी 100 बेड की क्षमता
जनज्वार डेस्क। बिहार में कोरोना से बदतर होते हालात के बीच ईएसआई बिहटा कोविड अस्पताल को शुक्रवार को सेना के हवाले किया जाएगा। इसके लिए 80 सदस्यीय चिकित्सा कर्मियों का दल विशेष विमान से पटना पहुंचा है। इनमें 25 विशेषज्ञ डॉक्टर, अन्य पारा मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ शामिल है। सेना के अधिकारियों के दल ने इससे पहले गुरुवार 6 मई को अस्पताल का निरीक्षण किया था।
अगले दो दिनों में यहां सौ बेड का अस्पताल शुरू किया जाएगा। एक सप्ताह में इसे बढ़ाकर 300 बेड किया जाएगा। उसके बाद परिस्थिति के हिसाब से यह संख्या 500 बेड की जाएगी।
अस्पताल में चिकित्सा कर्मचारियों को मदद करने के लिए अतिरिक्त विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ, प्रशिक्षित इन्फैंट्री बैटल फील्ड नर्सिंग सहायकों को अगले दो दिनों में आने की उम्मीद है। सेना के कुल 140 चिकित्सा कर्मी यहां तैनात होंगे। सैन्य अधिकारियों से बेहतर तालमेल के लिए उपसमाहर्ता अशोक तिवारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
#IndiaFightsCOVID19
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) May 6, 2021
The #IndianArmy has mobilised two Field Hospitals from North East by air to #Patna to assist the government in fighting the recent surge of #COVID cases in the State. (1/3) pic.twitter.com/v4pvWetFBn
These field hospitals, which include medical specialists, medical officers, nursing and support staff will be utilised for establishing a 500 bedded hospital at ESI #Patna including 100 ICU beds. (2/3)
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) May 6, 2021
बिहार में कोरोना के मामले रिकॉर्ड बना रहे हैं। बीते चौबीस घंटों के भीतर राजधानी पटना में 3665 नए मामले सामने आए हैं। एक दिन में अबतक का सबसे ज्यादा 3665 नए संक्रमित मिले। इससे पहले एक मई को सबसे ज्यादा 3024 संक्रमित मिले थे। पांच दिन में ही संक्रमितों का नया रिकॉर्ड बन गया। गुरुवार को 30 संक्रमितों की मौत हुई। बिहार में 15,126 नए संक्रमितों की पहचान हुई।
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार 4 मई को कोरोना प्रबंधन को लेकर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगायी थी। कोर्ट ने सरकार को यहां तक कह दिया था कि आपसे नहीं संभल रहा तो स्वास्थ्य सेवाओं को सेना को सौंपा जाए।
दरअल नीतीश सरकार कोर्ट को बता रही थी कि राज्य में 5 से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर गहरी नाराजगी जताई।
जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने कहा था कि बार-बार आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दी जानी चाहिए। इतना कहकर कोर्ट ने सुनवाई 6 मई तक टाल दी थी।
पटना हाईकोर्ट के अलावा देश की कई अन्य हाईकोर्ट भी सरकारों को स्वास्थ्य व्यस्था सेना के हवाले करने की चेतावनी दे चुकी हैं। लेकिन ऐसा पहली बार है जब किसी कोविड अस्पताल को लचर प्रबंधन के चलते सेना के हवाले किया गया है।