वरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह को भी निगल गया कोरोना, प्लाज्मा चढ़ने के बाद भी नहीं बची जान
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जनज्वार। वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट, देश और विदेश के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरी पकड़ रखने वाले शेष नारायण सिंह का कोरोना संक्रमित होने के बाद निधन हो गया है। उनका इलाज ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां आज 7 मई की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
5 मई को उन्हें प्लाज्मा डोनेट किये जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अपील की गयी थी, जिसके बाद मुंबई से उन्हें प्लाज्मा देने के लिए एक युवक आया था।
वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल ने उनके निधन की सूचना साझा करते हुए लिखा है, 'विद्वान पत्रकार श्री शेषनारायण सिंह का जाना स्तब्ध कर गया। वे हमारी पीढ़ी के सर्वाधिक विज्ञ पत्रकार थे। कल पता चला था कि उनके लिए प्लाज़्मा का इंतज़ाम हो गया। निश्चिंत था कि वे जल्दी ही स्वस्थ हो कर घर पहुँच जाएँगे। सोचा था कि कोरोना के बाद एक दिन उनके दर्शनों हेतु ग्रेटर नोएडा जाऊँगा। पर वे बचाये नहीं जा सके। शेष जी की स्मृतियों को नमन।'
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम शेषनारायण सिंह के निधन पर कहते हैं, 'हम सबके प्रिय शेष नारायण सिंह भी चले गये।'
5 मई को कोरोना पीड़ित शेषनारायण सिंह के लिए प्लाज्मा डोनेट करने की अपील करते हुए रवीश कुमार ने लिखा था, 'मुझे अंदाज़ा नहीं था कि लोगों की मदद लिखते लिखते किसी बेहद करीबी की भी मदद लिखनी होगी। शेष नारायण सिंह हमारे पूर्व सहयोगी हैं। काफ़ी वरिष्ठ हैं। इनसे काफ़ी कुछ सीखा है। आज शेष जी को प्लाज़्मा की ज़रूरत है। मुझे पूरा यक़ीन है कि आप लोग उनके लिए जान लड़ा देंगे और प्लाज़्मा की कमी नहीं होने देंगे। केवल AB+ डोनर चाहिए।'
वरिष्ठ संपादक त्रिभुवन ने लिखा है, 'अलविदा, मेरे प्रिय Shesh Narain Singh ! उदयपुर की वह आख़िरी, लंबी और यादगार मुलाक़ात कभी नहीं भूल पाएगी! आपसे हुई बातें भी कहाँ भूलूँगा। आपसे निरन्तर मिलने वाला बल अब कहाँ से आएगा। प्रेम का वह प्रवाह तो रुक ही जाएगा। दुःखद।'
कवि और लेखक मदन कश्यप कहते हैं, 'पत्रकारिता में शेषनारायण सिंह के जैसे समझदार और शालीन लोग कम ही हैं। यह कैसा समय आ गया है,जाने किन-किन को अलविदा कहना पड़ेगा! नमन!!'
सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहने के अलावा शेष नारायण सिंह लगातार कई अखबारों में अपनी तल्ख राजनीतिक टिप्पणियां लिखने के लिए चर्चित रहते थे।
शेष नारायण सिंह के लिए प्लाज्मा डोनेट करने के लिए मुंबई से आये युवा की कहानी कल ही सोशल मीडिया पर छाई हुई थी और कांग्रेसी नेता श्रीनिवास के कसीदे भी पढ़े जा रहे थे। मगर तमाम कोशिशों के बावजूद वरिष्ठ पत्रकार की जान बचायी नहीं जा सकी।