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IMF Chief Kristalina Georgieva ने फिर किया भारत को आगाह, कहा - 'महंगाई बढ़ने से और खराब हो सकते हैं हालात'

Janjwar Desk
10 Sep 2022 7:49 AM GMT
IMF Chief Kristalina Georgieva ने फिर किया भारत को आगाह, महंगाई बढ़ने से और खराब हो सकते हैं हालात
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IMF Chief Kristalina Georgieva ने फिर किया भारत को आगाह, महंगाई बढ़ने से और खराब हो सकते हैं हालात

IMF Chief Kristalina Georgieva : बारिश कम होने की वजह से कम उत्पाद होने की संभावना है। अगर ऐसा हुआ तो साल 2023 में खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) पर असर पड़ सकता है।

IMF Chief Kristalina Georgieva : वैश्विक स्तर पर महांगाई में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग और यूरोपीय देशों में मंदी की आशांका के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुखिया क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ( IMF Chief Kristalina Georgieva ) ने एक बार फिर भारत को आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि महंगाई ( inflation ) बढ़ने से हालात और खराब हो सकते हैं। आईएमएफ ( IMF ) चीफ ने सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि 2023 में 2022 की तुलना में अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) के लिहाज से और भी खराब हो सकता है। इसका असर किसी खास देश में नहीं बल्कि ग्लोबल स्तर पर देखने को मिलेगा। इसके पीछे उनका तर्क है कि कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन के कारण महंगाई में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी को रोकना अहम चुनौती

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने ( IMF Chief Kristalina Georgieva ) कहा कि वहां की ग्रोथ बेहतर उम्मीद जगाती है। इस मोर्चे पर इंडिया ( India ) का प्रदर्शन तिमाही दर तिमाही बेहतर रहा है लेकिन कुछ क्षेत्रीय कारणों के चलते अभी भी स्थिति नाजुक है। उन्होंने अनुमान जताया कि अगले साल फसलों के कम उत्पाद से खाद्य कीमतों पर बहुत असर पड़ सकता है। ये भारत के सामने नई समस्या होगी। महामारी के दौरान और इसके बाद राजकोषीय खजाने पर प्रभाव पड़ा है, जिसका असर आगे भी देखने को मिल सकता है। यानि महंगाई, बारिश कम होना और कोविड-19 अभी भी कठिन परिस्थितियों का निर्माण करते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत ( PM Modi ) को भी संभलकर चलने की जरूरत है।

आईएमएफ चीफ क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ( IMF Chief Kristalina Georgieva ) का कहना है कि भारत सुधारों के मामले में एक बेहतर मुकाम पर है। भारत वास्तव में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बड़ी भूमिका के लिए तैयार है। जी-20 की अध्यक्षता की तैयारी कर रहा है। इस जिम्मेदारी को भारत एक चुनौतीपूर्ण समय में संभाल रहा है। भारत सुधारों को लेकर गंभीर है।

डिजिटल इकोसिस्टम को प्रभावी तरीके से नियमित करने की जरूरत

आईएमएफ ( IMF ) भी क्रिप्टो नियमों पर भारत के साथ संपर्क में है। इसके फायदे व नुकसान को संतुलित करना महत्वपूर्ण मुद्दा है। भारत का डिजिटल इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है और क्रिप्टो करेंसी बिना नियमों के मजबूती से उभरी है, इसलिए इसका नियमन जरूरी है।

ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद राहत मिलेगी या नहीं, कहना मुश्किल

क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ( IMF Chief Kristalina Georgieva ) का कहना है कि फिलहाल इस बात का अनुमान लगाने में जल्दबाजी होगी कि क्या हमें 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद राहत मिलेगी। यूएस फेडरल रिजर्व लगातार इस साल ब्याज दर बढ़ाते आया है और उम्मीद है कि महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए अगले वर्ष भी यह सिलसिला जारी रहेगा। अमेरिकी पैटर्न पर दुनिया के सभी सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों का अनुसरण करते हैं।

2023 वर्ष 2022 की तुलना में अर्थव्यवस्था के लिहाज से और भी खराब हो सकता है। यानि लोगों को किसी भी तरह के लोन पर ज्यादा ब्याज चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। साल 2023 कितना बुरा होगा यह उन फैक्टर्स पर निर्भर करता है जिन्हें हम नहीं जानते हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है।

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