Begin typing your search above and press return to search.
आर्थिक

मोदी सरकार का आदेश, नई सरकारी नौकरियों पर फिलहाल पूरी तरह रोक

Janjwar Desk
5 Sep 2020 3:31 AM GMT
मोदी सरकार का आदेश, नई सरकारी नौकरियों पर फिलहाल पूरी तरह रोक
x
नरेंद्र मोदी सरकार का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब बड़ी संख्या में युवा सरकारी नियुक्तियों के लिए प्रतीक्षारत हैं। इसके साथ ही निजी सेक्टर में बीते छह महीने में 1.89 करोड़ नौकरियां जा चुकी हैं...

जनज्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नई सरकारी नौकरियां देने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने सभी संबंधित मंत्रालयों व विभागों को एक मेमोरेंडम भेज कर कहा है कि न कोई नया पद सृजित किया जाएगा और न ही उस पर नियुक्ति की जाएगी। इसमें सिर्फ यह अपवाद जोड़ा गया है कि व्यय विभाग से सिर्फ अनुमति प्राप्त पदों पर ही नियुक्ति की जा सकती है या उन्हें भरने की प्रक्रिया आगे बढायी जा सकती है।

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्त विभाग ने चार सितंबर 2020 को यह पत्र लिखा है, जिसकी काॅपी इस खबर के साथ संलग्न है। यानी अगर कुछ चुनिंदा नियुक्ति होती भी है तो उसके लिए वित्त मंत्रालय की अनुमति लेनी होगी। इस आदेश के अनुसार, कोई ऐसा पद जिसका सृजन इस साल एक जुलाई या उसके बाद हुआ हो उस पर नियुक्ति नहीं की जा सकेगी। वे पद रिक्त ही रहेंगे।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के द्वारा मेमोरेंडम में यह भी कहा गया है कि सभी संबंधित मंत्रालय व विभाग स्वयं के द्वारा नियुक्त व्यक्तिगत सलाहकारों की समीक्षा करके उनकी संख्या न्यूनतम करने की दिशा में कदम बढाएंगे। उनको किया जाने वाला भुगतान भी उनकी कार्य गुणवत्ता के आधार पर किए जाने की बात कही गई है।

व्यय विभाग ने स्थापना दिवस जैसे आयोजनों पर रोक लगाने को कहा है और निर्देश दिया है कि अगर ऐसा किया जाता है तो व्यय को न्यूनतम करने के उपाय किए जाएं।


यह भी निर्देश दिया गया है कि विदेश से आयातित कागज पर बुक व डाॅक्यूमेंट का प्रकाशन नहीं किया जाए और इस कार्य में सिर्फ विदेशों में स्थित भारतीय मिशन को अपवाद के रूप में रखा गया है।

यह आदेश खजाने की राजकोषीय स्थिति को लेकर दिया गया है। व्यय विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि सरकारी राजस्व स्रोतों पर दबाव है। इसलिए गैर प्राथमिकता वाले खर्च को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है।


इससे पहले वित्त मंत्रालय ने जुलाई से विभागों द्वारा तीन महीने के लिए खर्च को नियंत्रित करने का निर्देश दिया था। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर वित्त मंत्रालय ने विभिन्न विभागों के खर्च को तीन श्रेणियों में बांटा था, जिसमें सी श्रेणी में आने वाले विभाग 15 प्रतिशत, बी श्रेणी में आने वाले 20 प्रतिशत ही खर्च कर सकते थे। सरकार ने इसके साथ ही महंगाई भत्ते की वृद्धि पर भी रोक लगा दी थी।

नरेंद्र मोदी सरकार का यह आदेश ऐसे वक्त में आया है जब कोरोना लाॅकडाउन की वजह से बीते छह महीने में 1.89 लाख नौकरियां खत्म हो चुकी हैं। साथ ही बड़ी संख्या में सरकारी नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी प्रतीक्षारत हैं।

Next Story

विविध