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आर्थिक

मोदी राज में न करें महंगाई से राहत की उम्मीद, अगस्त में फिर बढ़ी महंगाई, दाल-चावल और गेहूं पहले से ज्यादा हुई महंगी

Janjwar Desk
13 Sept 2022 7:43 AM IST
Inflation in India :0मोदी राज में न करें महंगाई से राहत की उम्मीद, अगस्त में फिर बढ़ी महंगाई, दाल.-चावल और गेहूं पहले से ज्यादा हुई महंगी
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Inflation in India : मोदी राज में न करें महंगाई से राहत की उम्मीद, अगस्त में फिर बढ़ी महंगाई, दाल.-चावल और गेहूं पहले से ज्यादा हुई महंगी

Inflation in India : पिछले एक साल में महंगाई दर में 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले यानी अगस्त 2021 में ये 5.30 प्रतिशत थी जो बढ़कर अगस्त 2022 में 7 प्रतिशत हो गई है।

Inflation in India : मोदी राज ( Modi rule ) में आम लोगों को महंगाई ( inflation ) से राहत मिलने की संभावना न के बराबर है। तीन माह तक महंगाई ( inflation ) में गिरावट के बाद अगस्त में एक बार फिर रिटेल महंगाई ( retail price hike ) बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई है। रोजमर्रा की चीजें महंगी होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना देश के न्यून आय वर्ग के लोगों को करना पड़ रहा है। जुलाई में ये 6.7 फीसदी महंगाई दर थी। एक साल पहले यानी अगस्त 2021 में ये 5.30 प्रतिशत थी। यानि पिछले एक साल की तुलना में महंगाई दर ( inflation rate ) में 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स ( CPI ) आधारित ताजा रिटेल महंगाई दर के मुताबिक खाने-पीने का सामान खास तौर पर दाल-चावल- गेहूं और सब्जियों की कीमतों के बढ़ने की वजह से महंगाई बढ़ी है। अगस्त में फूड इन्फ्लेशन 7.62 फीसदी हो गई जो जुलाई में 6.69 फीसदी थी। जून में 7.75 फीसदी रही थी। मई में यह 7.97 फीसदी और अप्रैल में 8.38 फीसदी थी।

RBI की लिमिट से भी ऊपर है महंगाई

रिटेल महंगाई दर ( retail inflation rate ) लगातार 8 महीनों से आरबीआई ( RBI ) की 6 फीसदी की ऊपरी लिमिट के पार बनी हुई है। जनवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.01 फीसदी, फरवरी में 6.07 फीसदी और मार्च में 6.95 फीसदी, अप्रैल में 7.79 फीसदी, मई में 7.04 फीसदी और जून में 7.01 फीसदी दर्ज की गई थी।

फूड प्राइसेस में बढ़ोतरी चिंताजनक

Inflation in India : भारत में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) में महंगाई ( inflation in india ) का स्तर ऊंचा बना हुआ है। फूड प्राइसेस ( food price ) में बढ़ोतरी और इंडियन करेंसी पर दबाव चिंता का कारण है। इससे ये भी साफ है कि महंगाई के आंकड़े अपकमिंग मॉनेटरी पॉलिसी की दिशा तय करेंगे। पिछले 5 महीनों में आरबीआई ( RBI ) महंगाई से निपटने के लिए तीन बार ब्याज दरें बढ़ा चुकी है, लेकिर रिटेल मार्केट ( retail market ) पर इसका कोई असर नहीं है।

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