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आजीविका

पीएम फसल बीमा योजना से कंपनियों की बल्ले-बल्ले, कोरोना काल में सबसे ज्यादा लुटे किसान

Janjwar Desk
23 July 2022 10:57 AM IST
Farmers Movement : मुस्तैदी से करनी होगी अपनी जीत की रक्षा, पूंजीपतियों के लिए नीतियां बनाना सरकार का मुख्य लक्ष्य
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Farmers Movement : मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा, पूंजीपतियों के लिए नीतियां बनाना सरकार का मुख्य लक्ष्य

PM crop insurance scheme : फसल बीमा कं​पनियों को पांच साल में 1,59,132 करोड़ रुपए के प्रीमियम के रूप कमाये। इस दौरान फसल मुआवजे के रूप में किसानों को 1,19,314 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

PM crop insurance scheme : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच साल पूरे हो गए हैं। साथ ही पांच साल के आंकड़े भी सामने आ गए हैं। मॉनसून सत्र के दौरान सदन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर पेश आंकड़े साफ बताते हैं कि पीएम फसल बीमा योजना ( PB FBY ) से किसानों से ज्यादा बीमा कंपनियों के ​जेब में पैसे गए। चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना काल में जब किसानों को सबसे ज्यादा सहायता की जरूरत थी उस समय बीमा कंपनियों ने किसानों के प्रिमियम के पैसे जमकर डकारे, जो अभी ​तक किसी ने नहीं बताए। अब जाकर इस बात का खुलासा सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब से हुआ है।

औसतन 100 रुपए में 25 रुपए का मुनाफा

पांच साल के दौरान फसल बीमा कं​पनियों ने कुल 1,59,132 करोड़ रुपए के प्रीमियम के रूप में आय हुई। जबकि फसल मुआवजे के रूप में किसानों को 1,19,314 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। ये बात सही है कि इस योजना से करोड़ों किसानों को लाभ मिला, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि यह योजना निजी सहित बीमा कंपनियों के लिए भी लाभदायक साबित हुईं। पिछले पांच वर्षों में बीमा कंपनियों ने केंद्र की प्रमुख फसल बीमा योजना के तहत लगभग 40,000 करोड़ रुपए किसानों से कमाए हैं। ये जानकारी राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अलग-अलग संसद के सवालों के लिखित जवाब में खुद सदन को दी है।

मुआवजे के रूप में प्रति हेक्टेयर 4,190 रुपए का होता है भुगतान

एकड़ बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा देश में पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन के लिए अठारह सामान्य बीमा कंपनियों को पैनल में रखा गया है, लेकिन उनमें से विशेष बीमा कंपनियों का चयन स्पष्ट बोली प्रक्रिया के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को 4,190 रुपए प्रति हेक्टेयर का भुगतान किया जाता है। 1 अप्रैल 2016 से पीएमएफबीवाई को लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत, किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का केवल 2% और सभी रबी (सर्दियों में बोई गई) फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाता है।

PM crop insurance scheme : पीएम फसल बीमा योजना के अब तक के आंकड़े

1. 2016-17 में बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रिमियम के रूप में 21,697 करोड़ रुपए वसूले, जबकि भुगतान 16,807 करोड़ का किया।

2. 2017-18 में बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रिमियम के रूप में 24,597 करोड हासिल किए और फसल सुरक्षा के रूप में 22,142 करोड़ का भुगतान किया।

3. 2018-2019 में बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रिमियम के रूप में 29,693 करोड़ प्राप्त हुए और भुगतान 28,464 करोड़ का किया गया।

4. 2019-20 में बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रिमियम के रूप में 32,340 करोड़ अर्जित किए और भुगतान 26,413 करोड़ रुपए का किया।

5. 2020-21 में बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रिमियम के रूप में 31,861 करोड़ रुपए मिला जबकि भुगतान केवल 17,931 करोड़ का किया गया।

6. 2021-22 में बीमा कंपनियों ने किसानों से प्रिमियम के रूप में 18,944 करोड़ प्राप्त किए जबकि भुगतान सिर्फ 7,557 करोड़ रुपए का किया गया।


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