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RBI Repo Rate Hike : आम आदमी पर बढ़ेगा EMI का बोझ, RBI ने एक बार फिर बढ़ाया रेपो रेट, GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया

Janjwar Desk
30 Sept 2022 11:41 AM IST
RBI Repo Rate Hike : आम आदमी पर बढ़ेगा EMI का बोझ, RBI ने एक बार फिर बढ़ाया रेपो रेट, GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया
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RBI Repo Rate Hike : आम आदमी पर बढ़ेगा EMI का बोझ, RBI ने एक बार फिर बढ़ाया रेपो रेट, GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया

RBI Repo Rate Hike : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी, खुदरा महंगाई को काबू में लाने और विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि से उत्पन्न दबाव से निपटने के लिये केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है...

RBI Repo Rate Hike : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी। बता दें कि खुदरा महंगाई को काबू में लाने और विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि से उत्पन्न दबाव से निपटने के लिये केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 7.0 प्रतिशत कर दिया है।

चौथी पर की गई रेपो रेट में वृद्धि

जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेपो दर में वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त बढ़ेगी। बता दें कि यह चौथी बार है आरबीआई की तरफ से जब नीतिगत दर में वृद्धि की गयी है। मई से लेकर अबतक आरबीआई रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।

0.5% से बढाकर 5.9% की गई रेपो दर

बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा है कि 'एमपीसी ने रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।'

MPC के 6 सदस्यों में 5 ने रेपो रेट में वृद्धि का किया समर्थन

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि एमपीसी के छह सदस्यों में पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया। साथ ही समिति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देते रहने का भी फैसला किया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कि 'हम कोविड महामारी संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि के कारण उत्पन्न नये 'तूफान' का सामना कर रहे हैं।'

मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7% पर बरकरार रखा

बता दें कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत रहने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सात प्रतिशत थी, जो आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है।

आर्थिक ग्रोथ के अनुमान को घटाया

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अगर तेल के दाम में मौजूदा नरमी आगे बनी रही, तो महंगाई से राहत मिलेगी। साथ ही शक्तिकांत दास ने कहा कि विभिन्न पहलुओं पर गौर करने के बाद चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7.0 प्रतिशत किया गया है। हालांकि शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक संकट के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।

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