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Subramanian Swamy News: भाजपा सांसद ने कहा मोदी सरकार लगातार हो रही है फेल, खत्म किया जाना चाहिए इनकम टैक्स

Janjwar Desk
22 Jan 2022 7:39 AM GMT
Subramanian Swamy News: भाजपा सांसद ने कहा मोदी सरकार लगातार हो रही है फेल, खत्म किया जाना चाहिए इनकम टैक्स
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Subramanian Swamy News: भाजपा सांसद ने कहा मोदी सरकार लगातार हो रही है फेल, खत्म किया जाना चाहिए इनकम टैक्स

Subramanian Swamy News: अगर मैं वित्त मंत्री होता तो 1 अप्रैल से लेकर अगले आदेश तक यानि जब तक हम पहले की तरह सामान्य हालात में वापस नहीं हो जाते तब तक कोई भी आयकर का भुगतान नहीं करने का आदेश देता। एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाती है तो मुझे लगता है कि हमें इसे स्थायी बनाना शुरू कर देना चाहिए।

Subramanian Swamy News: अगर मैं वित्त मंत्री होता तो 1 अप्रैल से लेकर अगले आदेश तक यानि जब तक हम पहले की तरह सामान्य हालात में वापस नहीं हो जाते तब तक कोई भी आयकर का भुगतान नहीं करने का आदेश देता। एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाती है तो मुझे लगता है कि हमें इसे स्थायी बनाना शुरू कर देना चाहिए।

नई दिल्ली। साल 2022-2023 का केंद्रीय बजट मोदी सरकार दो चरणों में पेश करेगी। पहले चरण का बजट 01 फरवरी को संसद में पेश करने की योजना है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ( BJP ) ने बजट पेश होने से पहले ही पार्टी और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हो गए हैं। स्वामी ने ताजा बयान में कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ( NDA ) 2016 से लगातार फेल हो रही है। इस बात का जिक्र भाजपा सांसद ने बिजनेस टुडे के साथ बातचीत में की।

बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आय कर (Income Tax) पर लगने वाले कर को समाप्त कर देना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि कोरोना महामारी के दौर में अगर आप वित्त मंत्री होते तो इसके असर को कम करने के लिए आप कौन से नीतिगत निर्णय लेते? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं घोषणा करता हूं कि एक अप्रैल से लेकर अगले आदेश तक यानि जब तक हम पहले की तरह सामान्य हालात में वापस नहीं हो जाते तब तक कोई भी आयकर का भुगतान नहीं करेगा। एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाती है तो मुझे लगता है कि हमें इसे स्थायी बनाना शुरू कर देना चाहिए।

दूसरा, मैं ऋण पर ब्याज दरों को वर्तमान प्रमुख उधार दर 12 प्रतिशत से घटाकर 9 फीसदी कर देता। वह भी हमारे हाथ में है। बैंक ऐसा कर सकते हैं और सावधि जमा की ब्याज दरों को वर्तमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर देता। ताकि लोग ज्यादा बचत करें। एक समय हम जीडीपी का 36 फीसदी बचा रहे थे। इनमें 80 फीसदी घरेलू उद्योगों से हम बचा रहे थे। आज हम घटकर 31 फीसदी पर आ गए हैं। इसका मतलब है कि आपका निवेश भी कम है। निवेश बचत से आता है। साथ ही मैं ब्याज दरें कम करूंगा।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय परिवहन मंत्री से नितिन गडकरी से कहूंगा कि वे जितनी सड़कें बना सकते हैं, बनाएं और हम इसके लिए पैसे देंगे, नोट छापेंगे। लेकिन मुझे कहना होगा कि मोदी सरकार जून 2016 से विफल रही। अगर आप जीडीपी वृद्धि की योजना पर बात करें तो यह 2016 से 8 प्रतिशत से गिरकर 3 फीसदी पर आ गया ह।

एक और सवा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए क्या ग्रोथ रेट होनी चाहिए और हम इसे कैसे पा सकते हैं? इस पर स्वामी बोले 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए हमें हर साल 14.8 फीसदी की विकास दर की जरूरत है। मुझे लगता है कि पीवी नरसिम्हा राव के आने पर भारत संभावित रूप से उस विकास दर को हासिल करने में सक्षम था। उन्होंने 8 फीसदी की विकास दर के लक्ष्य को हासिल कर दिखाया था। उन्होंने जो कुछ किया उसका मकसद लोगों को सशक्त बनाना था। भारत की विकास क्षमता का प्रदर्शन करने वाला राष्ट्र बनाने का श्रेय नरसिम्हा राव को जाना चाहिए। हम भविष्य में भी वैसा प्रदर्शन कर सकते हैं। अगले 10 वर्षों में चीन से आगे निकल सकते हैं।

आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है

बजट पूर्व केपीएमजी इंडिया (KPMG India) के एक सर्वे में बताया गया है कि 36 फीसदी लोगों का मानना है कि 80सी कटौती के तहत कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाया जा सकता है। वही 19 प्रतिशत का कहना था कि वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की सीमा को मौजूदा के 50 हजार रुपए से बढ़ाया जा सकता है। 16 प्रतिशत उत्तरदाताओं को उम्मीद है कि बजट में वेतनभोगियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कर-मुक्त भत्ता व अन्य लाभ दिया जा सकता है। इसमें इंटरनेट कनेक्शन, फर्नीचर और ईयरफोन के लिए प्रावधान किया जा सकता है।

बता दें कि केपीएमजी ने बजट-पूर्व यह सर्वे जनवरी, 2022 में किया है। इस सर्वे में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े 200 पेशेवरों के विचार लिए गए हैं। सर्वे में 64 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मूल आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए सालाना से बढ़ाई जाएगी।

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