कंसल्टिंग के नाम पर घोटालों में लिप्त हैं 3 टॉप मैनेजमेंट कंपनियां, इनकी काली कमाई है ढ़ाई लाख करोड से ज्यादा
कंसल्टिंग के नाम पर घोटालों में लिप्त हैं 3 टॉप मैनेजमेंट कंपनियां, इनकी काली कमाई है ढ़ाई लाख करोड से ज्यादा
नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों से दुनियाभर में मैनेजमेंट और बिजनेस कंसलटेंसी का कारोबार फूल रहा है। इस बीच मैनेजमेंट कंसल्टिंग कारोबार के शिखर पर बैठी तीन कंपनियां यानि बेन एंड कंपनी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप यानि बीसीजी और मेकिंसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इन कंपनियों के सीईओ परदे के पीछे रहकर काम करते हैं और अपने सही और गलत कारोबार की वजह से घोटाले में लिप्त पाये गए हैं। चौंकाने वाली बात ये है क घोटाले के आरोप लगने के बाद भी इन कंपनियों को तेजी से बढ़ रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के टैक्स आफिस में गड़बड़ी के कारण बेन आलोचना के घेरे में आई है तो साउदी अरब के तानाशाह शासक मोहम्म्द बिन सलमान से निकट रिश्तों की वजह से बीसीजी निशाने पर है। पांच अक्टूबर को सबसे बड़ी मैनेजमेंट कंपनी मेकिेंसे के बारे में कई सालों तक घोटाले करने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
फोरसिथ की किताब ने राज से उठाया पर्दा
वाल्ट बोगदानिच पर माइकेल फोरसिथ की किताब में कंपनी पर अफीम से बनी ओपिओइड दवाइयों के निर्माताओं की मदद, दक्षिण अफ्रीका की सरकारी कंपनियों से गलत तरीकों से लिए ठेकों से मुनाफा कमाने, बीमा दावे कम कराने जैसे आरोप लगाए गए हैं। अपने उपर लगे आरोपों के बारे में मेकिंसे का कहना है कि किताब में हमारी कंपनी और हमारे काम को बुनियादी तौर पर गलत तरीके से पेश किया गया है। मेकिंसे दक्षिण अफ्रीका की सरकार कंपनियों के लिए अपने कम और ओपिओइड इंडस्ट्री की मदद करने के लिए माफी मांग चुकी है। बेंस का कहना है दक्षिण अफ्रीका में टैक्स विभाग के साथ अपने काम पर उसे खेद है। बीसीजी का कहना है कि सउदी अरब में उसका काम ऐसे क्षेत्रों में है जो आर्थिक और सामाजिक बदलाव को आगे बढ़ा सकते हैं। इंडस्ट्री पर नजर रखने वाली कंपनी कैनेडी रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2015 से 2020 के बीच तीन कंपनियों की कुल आय दोगुनी बढ़कर 1.97 लाख करोड रुपए हो गई। एक अन्य कंसल्टेंसी एजेंसी ओआरजी के मुताबिक 2021 में तीनों कंपनियों की कमाई 2.64 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही।
अब क्लाइंट चाहते हैं कि सलाह से आगे की मदद
मैनेजमेंट कंपनियां सलाहकारों की सलाह को लागू करने सहित अन्य सेवाएं भी देती हैं। मेकिंसे के बॉस बॉब स्टर्नफेल्स कहते हैं, क्लाइंट अब सलाह से आगे बढ़कर अधिक अपेक्षा रखते हैं। वे नतीजे हासिल करने में हमारी मदद चाहते हैं। खास बात ये है कि ये मदद गैर कानूनी होने के बावजूद कंसल्टेंसी कंपनियां अपनी तरफ से मांग के मुताबिक सेवाएं मुहैया कराती हैं। घोटालों और आरोपों के बावजूद तीनों कंपनियों का प्रभाव कम होने के बजाय तेजी से बढ़ रहा है। तीनों कंपनियां विश्व की बड़ी कंपनियों और कई सरकारों को सलाह देती हैं। क्लाइंट भी उन्हें भरपूर पैसा देते हैं। बोगदानिच और फोरसिथ के अनुसार मेकिंसे ने अमेरिकी तेल कंपनी शेवरॉन से 2019 में 411 करोड़ रुपए कमाए। 2018 और 2019 में टोबैको कंपनी एल्ट्रिया से 246 करोड़ रुपए और 2020 में यूएस स्टील से 106 करोड अर्जित किए। उसे 2009 से 2021 के बीच अमेरिकी सरकार से फीस के बतौर 8229 करोड़ रुपए मिले हैं।