Barshashri Buragohain : राष्ट्र विरोधी कविता लिखने के आरोप में गिरफ्तार छात्रा बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं को मिली परीक्षा देने की इजाजत
Barshashri Buragohain : राष्ट्र विरोधी कविता लिखने के आरोप में गिरफ्तार छात्रा बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं को मिली परीक्षा देने की इजाजत
Barshashri Buragohain : असम की एक अदालत ने राष्ट्र विरोधी कविता लिखने की आरोपी बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं को 14 जुलाई को डिग्री परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी, जिन्हें मई में उनके फेसबुक पोस्ट के जरिये कथित रूप से प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने कहा कि बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं को कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा में शामिल होना होगा।
बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं की पोस्ट के बाद अपने ट्विटर हैंडल पर विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) जीपी सिंह ने कहा था, "उनके फेसबुक पोस्ट में राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक विशेष आह्वान है।'
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बयान दिया था, "जब कोई सार्वजनिक रूप से प्रतिबंधित संगठन के लिए समर्थन का दावा करता है और भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे की घोषणा करता है, तो हम कानूनी रूप से उस व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए बाध्य हैं। उचित प्रक्रिया के बाद, एक सक्षम अदालत में आरोप पत्र दायर किया जाएगा। कानून को अपना काम करने दें।'
कथित तौर पर फेसबुक पर उल्फा का समर्थन करने वाली एक कविता लिखने के आरोप में करीब दो महीने से जेल में बंद 19 वर्षीय लड़की की रिहाई की मांग के बीच असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने 13 जुलाई को कहा कि "उसे जेल में रहना चाहिए।"
असम डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने 13 जुलाई को प्रेस से बात करते हुए कहा, "कविता लिखना बुरा नहीं है। मैं भी कविता लिखता हूँ, लेकिन बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उसने लिखा था कि वह उल्फा में शामिल हो जाएगी। उसने लिखा कि वह दूसरों को भी अपने साथ ले जाएगी। इसलिए, छोटी लड़की, आपको उल्फा में नहीं जाना है, बस जेल में रहना है।'
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, असम की एक 19 वर्षीय लड़की को कथित रूप से प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करने वाली एक कविता लिखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी को लेकर राज्य भर में हंगामे के बीच पुलिस ने 13 जुलाई को कहा कि कानून अपना काम करेगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं नाम की लड़की को इस साल 18 मई को गोलाघाट जिले के उरियामघाट से गिरफ्तार किया गया था, जिसने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर 'आकौ कोरिम राष्ट्रद्रोह' (फिर करूंगी राष्ट्रद्रोह) शीर्षक से एक कविता लिखी थी।
उल्लेखनीय है कि बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं असम स्थित जोरहाट के डीसीबी कॉलेज में गणित आनर्स के द्वितीय वर्ष की छात्रा है और उसकी परीक्षाएं इस महीने के अंत में शुरू होने वाली हैं।
बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं के माता-पिता ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस से उसे जेल से रिहा करने की अपील की है, ताकि वह अपनी सेमेस्टर-एंड परीक्षाओं में शामिल हो सके, जिसके बाद विभिन्न वर्गों के लोगों ने उसकी रिहाई की मांग करना शुरू कर दिया है।
इस बीच द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम सरमा ने 14 जुलाई को कहा कि लड़की को कविता के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि वह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) में शामिल होना चाहती थी।
सीएम सरमा के मुताबिक "लड़की को कविता लिखने के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया था। अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया गया होता तो वह उल्फा के पास चली जाती। हम उसे ऐसा करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? अगर वह उल्फा के पास जाती है, तो वह मानव बम के रूप में वापस आएगी और हमें मार डालेगी।'
सीएम सरमा की मानें तो, "हमें उसे बचाना है। उल्फा शिविरों में बयालीस लड़के और लड़कियों की मौत हो गई। क्या होगा अगर वह भी वहीं मार दी जाए? हमें उसके बारे में सोचना होगा। उसकी काउंसलिंग की जा रही है। मैंने आज सुबह लोगों को उससे बात करने के लिए जेल भेज दिया।"
सीएम सरमा ने कहा कि अगर लड़की और उसके माता-पिता यह वचन देते हैं कि वह उल्फा में शामिल नहीं होगी तो लड़की को रिहा कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि कांग्रेस के बरपेटा सांसद अब्दुल खालिक ने भी ट्वीट कर बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं को जेल से रिहा करने की मांग की है।
गौरतलब है कि बर्षाश्री बूढ़ागोहाईं की गिरफ्तारी की पूरे राज्य में व्यापक आलोचना हुई है, छात्र संगठनों, विपक्षी दलों और बुद्धिजीवियों ने उनकी जल्द रिहाई की मांग की है।