Bhool kee Saja : टीचर कारतूस लेकर पहुंचा एयरपोर्ट तो हाईकोर्ट ने सुनाई 30 दिनों तक गरीब बच्चों को एक्स्ट्रा पढ़ाने की सजा
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Bhool kee Saja : दिल्ली में सरकारी स्कूल के एक टीचर को छोटी सी भूल भारी पड़ी। पहले तो पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा चलाया। बात बिगड़ने पर मामला दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) तक पहुंच गया। टीचर ( Delhi Government teacher ) ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा - सर, मैं, भूलवश कारतूस लेकर एयरपोर्ट पहुंच गया था। इसके पीछे मेरी और कोई मंशा नहीं थी। इस बात को न तो पुलिस ( Delhi Police ) मानने को तैयार है, न ही लोअर कोर्ट। यही वजह है कि न्याय के लिए आपकी अदालत में याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) ने टीचर का पक्ष जानने के बाद एफआईआर तो रद्द करते हुए टीचर को सजा भी सुनाई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने टीचर को सरकारी स्कूल में ड्यूटी के अलावा एक माह तक गरीब बच्चों को एक्स्ट्रा पढ़ाने की सजा सुनाई है।
ये है पूरा मामला
दिल्ली के सरकारी स्कूल का एक टीचर ( Delhi Government teacher ) गलती से अपने साथ जिंदा कारतूस लेकर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गया। एयरपोर्ट प्रबंधन ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 के तहत पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। मामला जब हाईकोर्ट तक पहुंचा तो अदालत से कहा कि उनके पास से जो कारतूस बरामद हुआ वह उन्हें 2008-09 में चमोली उत्तराखंड में सड़क पर पड़ा मिला थां तब वे खुद स्कूल में पढ़ाई करते थे। तब से यह कारतूस उनके पास है और वे गलती से एयरपोर्ट लेकर चले गए।
टीचर का पक्ष जानने के बाद जस्टिस जसमीत सिंह ने टीचर को आदेश दिया कि वे अपने स्कूल में एक महीने तक कमजोर बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास में पढ़ाएं। जज ने डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन को प्राइमरी क्लास के कमजोर बच्चों की लिस्ट बनाने का निर्देश दिया है। अब शिक्षा विभाग द्वारा तय बच्चों को स्कूल में ड्यूटी समाप्त होने के बाद टीचर मुफ्त में पढ़ाएंगे।
हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल की जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल की
वहीं स्कूल के प्रिंसिपल को भी कहा गया है कि वे स्कूल में एक कमरे की व्यवस्था कराएं जहां पर रोजाना दो घंटे की एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाएगी। इसमें सभी कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाना जरूरी होगा। जज ने कहा कि एजुकेशन ऑफिसर और प्रिंसिपल को इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि आदेश का पालन हो रहा है।
भूल की तो समाज की भलाई के लिए करें काम
Bhool kee Saja : हाईकोर्ट के जज जसमीत सिंह ने कहा कि मौजूदा केस रद्द किए जाने के लायक है, क्योंकि सिर्फ ध्यान न देने की वजह से टीचर के बैग में जिंदा कारतूस रह गया था। वे उसे जान बूझकर अपने साथ नहीं ले गए थे। इस मामले में पुलिस का अहम वक्त बर्बाद हुआ। इसलिए याचिकाकर्ता को समाज की भलाई के लिए कुछ काम करना चाहिए।