दिल्ली सरकार ने रद्द की DPS रोहिणी स्कूल की मान्यता, पढ़ रहे छात्रों और अभिभावकों को करना होगा ये काम
दिल्ली सरकार ने रद्द की DPS रोहिणी स्कूल की मान्यता, पढ़ रहे छात्रों और अभिभावकों को करना होगा ये काम
DPS School News: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, रोहिणी (DPS Rohini) की मान्यता समाप्त कर दी है। DPS Rohini पर फीस बढ़ाने के नियमों में उल्लंघन करने का आरोप है। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने यह कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि डीपीएस रोहिणी ने बिना इजाजत स्कूल की फीस में बढ़ोतरी कर दी थी।
इसके बाद राज्य सरकार ने इसपर एक्शन लिया है। बताया जा रहा है कि DPS रोहिणी ने राज्य सरकार की बिना पूर्व अनुमति के ही फीस बढ़ाने का फैसला लिया था। बता दें कि जिन स्कूलों को डीडीए की तरफ से जमीन अलॉट की गई है, उन्हें फीस बढ़ाने से पहले सरकार से इजाजत लेनी जरूरी है। ऐसा नियम मानने का निर्दश भी दिया गया था।
उच्च न्यायालय का आदेश भी नहीं माना स्कूल
शिक्षा निदेशालय ने बताया कि स्कूल के अधिकारी विभाग और हाईकोर्ट तक का आदेश नहीं मान रहे थे। स्कूल में 2021-22 सत्र के लिए फीस में बढ़ोतरी कर दी गई थी। विभाग ने बताया कि डीपीएस रोहिणी (DPS Rohini) के खिलाफ कई शिकायतें आ रही थीं। बावजूद इसके स्कूल लोगों से बढ़ी हुई फीस की मांग कर रहा था।
सत्र खत्म होने पर छात्रों को करना होगा ये काम
शिक्षा निदेशालय के आदेश में कहा गया है कि स्कूल ने फीस बढ़ाने के लिए तय नियमों का उल्लंघन किया है। यही कारण है कि अब दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने स्कूल की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया है। निदेशालय का कहना है कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2022-23 में पूरा होने तक स्कूल सामान्य रूप से चल सकेगा। निदेशालय ने यह भी कहा कि इस बीच स्कूल में कोई नया एडमिशन नहीं हो सकेगा। स्कूल को बंद करना होगा। यहां के छात्रों को अभिभावकों की अनुमति से पास के अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। स्कूल से जुड़े शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों को डीपीएस की अन्य ब्रांच में भेजा जा सकता है।
फीस वृद्धि को लेकर सतर्क दिल्ली सरकार
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने बताया कि स्कूल सराकरी जगह पर बना हुआ है। स्कूल की भूमि डीडीए की है। शिक्षा निदेशालय के मुताबिक सरकारी भूमि स्कूल के लिए देते समय यह शर्त रखी गई थी कि फीस बढ़ोतरी के लिए अनुमति लेनी होगी। लेकिन इसके बाद भी स्कूल ने खुले तौर पर उल्लंघन किया होगा। स्कूल ने फीस बढ़ाने से पहले निदेशालय की अनुमति नहीं ली जिसके बाद इसकी मान्यता रद्द कर दी गई है।
दिल्ली सरकार प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाने के मुद्दे को लेकर काफी सतर्क है। और इसी संबंध में सराकर ने अपना रूख भी साफ किया है। दिल्ली निदेशालय का कहना है कि वर्ष 2016 में दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA या फिर अन्य सरकारी भूमि पर बने सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया था कि वे शिक्षा निदेशालय की अनुमति के बगैर फीस में वृद्धि नहीं करेंगे।