'15 मिनट देरी से पहुंचा तो प्रबंधक ने कैंची से मेरी शर्ट की बांहें काट पूरे स्कूल के सामने किया बेइज्जत': आत्महत्या की कोशिश करने वाले हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल के छात्र का खुलासा
‘15 मिनट देरी से स्कूल पहुंचा तो प्रबंधक ने कैंची से मेरी शर्ट की बांहें काट पूरे स्कूल के सामने किया बेइज्जत’: आत्महत्या की कोशिश करने वाले छात्र का खुलासा
मनीष दुबे की रिपोर्ट
Ground Report : कानपुर में बिठूर की धरती को बेहद पवित्र माना जाता है, लेकिन यहां एक स्कूल प्रबंधक ने इसकी पवित्रता को कलंकित करने का काम किया है। प्रबंधक ने एक छात्र को स्कूल देरी से पहुँचने और कुर्ते की बांह मोड़ने के चलते उसकी कमीज की दोनों बांहें काट दीं और उसके बाद उसे पूरे स्कूल के चक्कर कटवाए। इस घटना के बाद आहत छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद उसे समझा.बुझाकर शांत किया गया, ताकि वह आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम न उठा पाये।
इस मामले की जमीनी पड़ताल करने जनज्वार टीम पीड़ित छात्र के गांव बिठूर स्थित लक्ष्मणपुर पहुंची। यहां रहने वाले साहब लाल वर्मा का नाती प्रतीक वर्मा कक्षा 12 का छात्र है, जोकि हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है। शुक्रवार 9 सितंबर को वह स्कूल कुछ देरी से पहुँचा था, जिसके बाद उसे यहां के प्रबंधक भाऊ कपूर ने अपने पास बुलाया, और कैंची मंगवाकर उसकी शर्ट की दोनों बाहें काट डालीं। प्रबंधक यहीं पर नहीं रुके, बांहें काटने के बाद उसे पूरे स्कूल का चक्कर कटवाया। यूनिफाॅर्म के कमीज की शर्ट काटने के दौरान उसे कैंची भी लग गई।
पीड़ित छात्र प्रतीक ने जनज्वार से बात करते हुए बताया, 'मै 15 मिनट की देरी से स्कूल पहुँचा था। इस दौरान ज्यादा गर्मी होने की वजह से मैंने शर्ट की बांहें समेट ली थीं। टीचर ने मेरी शिकायत प्रबंधक भाउ कपूर से की तो उन्होने मुझे अपने कमरे में बुलाया। वहां उन्होंने कैंची से मेरी शर्ट की दोनो बांहें काट दीं और सबके सामने ले जाकर बेइज्जत किया। कटी बाहों के साथ मुझे पूरे स्कूल के चक्कर लगवाए गये। इतनी बुरी तरह बेइज्जत होने पर मेरा मन कर रहा था कि जान दे दूं, इसलिए आत्महत्या की कोशिश की।'
इस घटना से आहत होकर छात्र प्रतीक ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। घरवालों ने कमरे का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन प्रतीक ने दरवाजा नहीं खोला। अनहोनी की आशंका में परिजनों ने डायल 112 में इस बात की सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने किसी तरह प्रतीक से कमरे का दरवाजा खुलवाया। प्रतीक के परिजन कहते हैं, पुलिस ने घरवालों के साथ मिलकर प्रतीक को समझाया, तब जाकर वह अब नॉर्मल हो रहा है।
जब जनज्वार टीम प्रतीक के घर पहुंची तो वह ड्यूटी पर गये हुए थे। उसके बाबा साहब लाल वर्मा रोष व्यक्त करते हुए कहते हैं, हम अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं, लेकिन स्कूल द्वारा इस तरह की घटनाए शर्मिंदा करती हैं। प्रतीक को समझाया भी जा सकता था। प्रबंधक द्वारा की गई इस तरह की घटना से हम बहुत आहत है, हमारे बच्चे पर इसका बहुत गलत असर हुआ है। वह आज यानी 10 सितंबर को स्कूल ही नहीं गया। अब वो किसी से नजर नहीं मिला पा रहा है।'
इस बारे में जब प्रतीक की मां से बात की तो वह कहती हैं, 'कल से मेरा बेटा प्रतीक गुमसुम सा बना हुआ है। उसने पूरे दिन कुछ नहीं खाया। क्या स्कूल को ऐसा करना चाहिए था? हम चाहते हैं प्रबंधक ने जो मेरे लड़के के साथ किया, उसके साथ भी ऐसा ही किया जाए। उसकी भी सबके सामने बेइज्जती हो तब उसे इस बात का अहसास होगा कि बिना कसूर के बेइज्जत होने पर कैसा लगता है।'
जब इस मामले में जनज्वार टीम ने स्कूल जाकर प्रबंधक का पक्ष जानने की कोशिश की तो वह वहां नहीं मिले। स्कूल में मौजूद स्टॉफ ने बताया कि आज प्रबंधक भाऊ कपूर स्कूल नहीं आए हैं। वहां पर मौजूद स्टाफ ने इस बारे में बात करने से एकदम इंकार कर दिया। दबी जुबान में एकाध शिक्षक ने कहा भी कि अगर उन्होंने इस प्रकरण पर कुछ कहा तो उनकी नौकरी जा सकती है। स्टाफ ने हमें बस इतना बताया कि अगर भाऊ कपूर यहां होते तो उनकी मर्सिडीज स्कूल में खड़ी नजर आती।
इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए जब जनज्वार एसीपी से बात करने की कोशिश की तो वह मीटिंग में व्यस्त थे। बाद में फोन पर हुई बातचीत में एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला ने कहा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा हुए इस गलत व्यवहार को लेकर छात्र ने सुसाइड का प्रयास किया था। हालांकि किसी भी तरह का गलत कदम उठाने से पहले पुलिस ने उसे बचा लिया। छात्र की शिकायत पर स्कूल प्रबंधक के मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में आगे की जांच की जा रही है।