Karnataka News : छात्रों को पैगंबर मोहम्मद पर निबंध लिखने के लिए कहा तो श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रधानाध्यापक से की मारपीट
Karnataka News : छात्रों को पैगंबर मोहम्मद पर निबंध लिखने के लिए कहा तो श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रधानाध्यापक से की मारपीट
Karnataka News : कर्नाटक के गडग जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल को बीते मंगलवार को दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पीट दिया। प्रिंसिपल को इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने छात्रों से पैगंबर मोहम्मद पर एक निबंध लिखने को कहा था। कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल पर छात्रों का धर्म परिवर्तन कराने का भी आरोप लगाया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि यह घटना कर्नाटक के नागवी गांव के सरकारी हाई स्कूल की है। श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में घुसकर प्रिंसिपल अब्दुल मुनफर बीजापुर के साथ मारपीट की, जिससे स्कूल के बाकी लोग हैरान रह गए। प्रिंसिपल अब्दुल मुनफर का कहना है कि 1 हफ्ते पहले कोई परिचित उनके पास आया और नए निबंध प्रतियोगिता के लिए पैसे प्रायोजित करने की पेशकश की। अब्दुल का कहना है कि 'छात्रों के बीच लिखावट में सुधार करने के लिए हमने नालेज्ड नाम की पुस्तक पर आधारित एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसके लिए यह कहा गया कि इस्लाम को बढ़ावा देती है, जो गलत है।'
साथ ही उन्होंने कहा कि 'हर महीने कम से कम 2 या 1 इवेंट होते हैं, जहां हम प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं। हमने पूर्व में भी कनक दास, पुरंदर दास और अन्य व्यक्तियों पर कार्यक्रम और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की है। यह निबंध प्रतियोगिताएं छात्रों को इन व्यक्तियों से परिचित कराने और उनकी लिखावट में सुधार करने में मदद करने के लिए आयोजित की जाती है।'
श्रीराम सेना ने दिया ये बयान
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार श्रीराम सेना के राजू खानप्नवर ने कहा है कि वे प्रधानाध्यापक से सवाल करने गए थे, क्योंकि निबंध प्रतियोगिता केवल पैगंबर मोहम्मद पर थी। उन्होंने कहा कि 'हेड मास्टर का दावा है कि कोई व्यक्ति स्कूल आया और विजेता के लिए 5000 रुपए की पेशकश की और वह अनुमति देने के लिए तैयार हो गए। एक शिक्षक के रूप में उन्हें किसी एक धर्म का प्रचार नहीं करने देना चाहिए। वह एक तरह से युवा दिमाग में इस्लाम को बढ़ावा देकर अन्य समुदायों को बदनाम कर रहे हैं।'
डिप्टी डायरेक्टर ने दिया ये बयान
डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन, गडग, जीएम बसवलिंगप्पा का कहना है कि उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह घटना के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। जीएम बसवलिंगप्पा ने कहा है कि इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए कोई सरकारी परिपत्र नहीं थे और उन्होंने छात्रों को उनके घर ले जाने के लिए किताबें सौंपी थीं। प्रतियोगिता में करीब 43 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रिंसिपल ने यह कहते हुए बचाव किया कि उन्होंने वाल्मीकि जयंती, कनक जयंती और अन्य कार्यक्रम भी मनाए। हालांकि, उन्हें संचालित करने के लिए सरकारी आदेश थे लेकिन इस मामले में ऐसा कोई निर्देश नहीं था।'
प्रिंसिपल ने इस मामले में दिया ये बयान
शिक्षा के क्षेत्र में 28 वर्ष का अनुभव रखने वाले प्रिंसिपल बीजापुर पिछले तीन वर्षों से इस विद्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा है कि 'हमने हिंदू हस्तियों और अन्य लोगों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने के सभी रिकॉर्ड बनाए हुए हैं। मेरे साथ काम करने वाले सात शिक्षक हैं और सौभाग्य से वे मेरे बचाव में आए।'