पटवारी भर्ती पेपरलीक कांड: एक झटके में करोड़पति बनने की चाहत थी ऋतु को, जिद करके अधिकारी पति को किया था पेपर लीक के लिए राजी
Patwari Bharti paperleak SCAM : बीती आठ जनवरी को प्रदेश में आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए आयोग के अधिकारी की पत्नी के लालच ने ही युवाओं के सपनों पर कुठाराघात किया था। जांच में जो बात निकलकर आ रही है उसके हिसाब से अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की पत्नीऋतु चतुर्वेदी का रातोंरात करोड़पति बनने का लालच ही इस पूरे कांड की मुख्य वजह बना।
करोड़पति बनने की चाहत में ही ऋतु ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य को दांव पर लगाया था, जिसके तहत पेपर लीक करने के लिए प्रति अभ्यर्थी 12 लाख में डील फाइनल की गई थी। अगर यह मामला और दो सप्ताह नहीं खुलता तो अगले 15 दिन में ऋतु के हाथ में सवा चार करोड़ रुपए और हाथ आने वाले थे। पटवारी भर्ती पेपर लीक कांड में लगातार हो रही जांच के दौरान कड़ी दर कड़ी जुड़ने के बाद पूरे खेल की पिक्चर साफ होना शुरू हो रही है। लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस परीक्षा का पेपर लीक करने में आयोग के गिरफ्तार संजीव कुमार चतुर्वेदी की पत्नी न केवल मुख्य धुरी थी बल्कि उसी ने आगे इस पेपर को बेचने की साजिश भी रची थी।
जानकारी के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग में भर्ती परीक्षा से जुड़े आधा दर्जन अनुभाग हैं। इन्हीं में से अतिगोपन विभाग के अनुभाग-तीन में ऋतु के पति संजीव चतुर्वेदी वर्ष 2018 से अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। लेकिन इतने साल आयोग में रहने के बाद यह पहला मौका था जब इस अनुभाग को पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी गई। संजीव ने अपने अनुभाग की महत्ता का रौब गालिब करने के मकसद से यह बात ऋतु को बताई तो ऋतु के दिमाग में इस मौके को कैश करने का विचार कौंध उठा।
ऋतु को अपने पति के अनुभाग में सुरक्षित रखा पेपर उसके रातों रात करोड़पति बनने की चाबी के रूप में दिखने लगा, जिसके बाद ऋतु ने संजीव पर पेपर लीक करने का दबाव डालना शुरू कर दिया, लेकिन पहले से ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुए घपले और उसके बाद की गिरफ्तारियां से सहमे संजीव ने ऋतु की बात मानने से मना कर दिया। ऋतु ने संजीव को इस काम के लिए मनाने के लिए एड़ी-चोटी तक का जोर लगाने से लेकर हर तरह के पैंतरे का उपयोग कर उसे पेपर लीक करने के लिए राजी कर लिया।
बीते दिनों पेपर लीक प्रकरण के सुर्खियों में आने के बाद संजीव के मन में जो खौफ था, संजीव ने उस खौफ से ऋतु को समझाने की भरपूर कोशिश भी की थी, परंतु ऋतु के आगे संजीव को अंततः हथियार डालने ही पड़े। आखिरकार संजीव को पत्नी की करोड़पति बनने की चाहत पूरी करने के लिए पटवारी पेपर लीक प्रकरण की पटकथा लिखनी ही पड़ी।
पति के राजी होने के बाद ऋतु ने रामपाल से प्रति अभ्यर्थी बारह लाख रुपये में इसे बेचने की डील फाइनल करते हुए एडवांस 25 लाख रुपए भी ले लिए। एसटीएफ के फंदे में फंसे रामपाल ने चार करोड़ बीस लाख की शेष रकम पंद्रह दिन में ऋतु को पहुंचाने का वायदा किया था। इसी के बाद में संजीव ने बाकायदा ऋतु के मोबाइल फोन से ही पेपर की फोटो खींचकर उसे वाट्सअप के जरिये रामपाल को भेजा। ऋतु के इसी मोबाइल के जरिए पैसे की डील भी फाइनल हुई। इस बात का खुलासा स्वयं संजीव ने बीते रोज एसटीएफ को दिए बयान में किया। उसने आगे कहा कि अगर मामला सामने नहीं आता तो उन्हें अगले 15 दिन के भीतर चार करोड़ 20 लाख रुपये मिल जाते।