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शिक्षा

लाइब्रेरी खोलने के लिए धरना दे रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों को चीफ प्रॉक्टर ने बलप्रयोग कर खदेड़ा

Janjwar Desk
19 March 2021 5:32 PM GMT
लाइब्रेरी खोलने के लिए धरना दे रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों को चीफ प्रॉक्टर ने बलप्रयोग कर खदेड़ा
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जनज्वार, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में केंद्रीय पुस्तकालय खुलवाने के लिए तीन दिन से छात्र लाइब्रेरी गेट के पास बैठे हुए हैं। विश्वविद्यालय ने अभी हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया था कि 15 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा अब 03 अप्रैल से शुरू होगी। इससे छात्र चिंतित थे, क्योंकि बिना पढ़ाई किये परीक्षा देकर पास होना नामुमकिन है।

लाइब्रोरी खुलवाने के लिए छात्रों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए आज 19 मार्च को दिन में 2 बजे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के नेतृत्व में चीफ प्रॉक्टर और लाइब्रेरियन के साथ अहम बैठक थी, लेकिन चीफ प्रॉक्टर ने भारी बल का प्रयोग करते हुए लाइब्रेरी खुलवाने की मांग को लेकर बैठे छात्रों को जबरन वहां से उठा दिया। छात्रों के साथ काफी धक्का मुक्का की गयी। इस घटना का वीडियो बना रहे मॉस कम्युनिकेशन फाइनल ईयर के छात्र पुनीत सेन के साथ भी बदसलूकी की गयी। उन्हें वीडियो बनाने से रोका गया और आईडी कार्ड छीन लिया गया और मोबाइल भी तोड़ दिया गया।


गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय पिछले साल घोषित किये गये लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ा है। सभी कक्षाएं तो ऑनलाइन ही चल रही है, लेकिन किताबें उपलब्ध न होने कारण छात्रों का पढ़ाई अधूरी है। कुछ कोर्से जैसे मॉस कम्युनिकेशन, मनोवैज्ञानिक आदि के लिए लाइब्रेरी अनिवार्य होती है।

मॉस कम्युनिकेशन का पूरा कोर्स ही प्रैक्टिकल पर टिका हुआ है, जिसमें कंप्यूटर होना बहुत जरूरी है। इसी मूलभूत जरूरत के अभाव के कारण छात्रों में रोष है कि वो परीक्षा कैसे पास करेंगे। विश्वविद्यालय ने अभी हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया था कि 15 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा अब 03 अप्रैल से शुरू होगी। पुस्तकें उपलब्ध न होने के कारण छात्र चिंता में है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन लाइब्रेरी खोलने को तैयार नहीं है।

आइसा के सचिव सोनू यादव ने छात्रों को जबरन इस तरह बदसलूकी के साथ उठाया जाने की कड़ी निंदा की है। सोनू यादव ने कहा कि छात्र अपने मूलभूत मांग लाइब्रेरी खुलवाने को लेकर आंदोलनरत थे, लेकिन विश्वविद्यालय का इस तरह का रवैया शर्मनाक है।


पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी शक्ति रजवार का सुरक्षागार्ड ने हाथ पकड़ते हुए कॉलर खींचा, जिसके कारण वो जमीन पर गिर गए। आंदोलनरत अन्य छात्रों के साथ भी इसी तरह का रवैया अपनाया गया।

लोग इस घटना की निंदा करते हुए टिप्पणी कर रहे हैं कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अपने छात्रों के प्रति इस तरह का रवैया बहुत बुरा है। इससे यही पता चलता है कि विश्वविद्यालय कैंपस में लोकतांत्रिक मूल्य पूरी तरह नष्ट हो गई है, इसी कारण पठन पाठन का स्तर भी नीचे गिर रहा है, जो बहुत ही गम्भीर बात है।

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