Begin typing your search above and press return to search.
शिक्षा

UP शिक्षा विभाग में फिर हुई हेराफेरी, इस बार शिक्षक भर्ती के आवेदन पेपर ही लेकर चंपत हो गई एजेंसी

Janjwar Desk
19 Jun 2021 11:39 AM IST
UP शिक्षा विभाग में फिर हुई हेराफेरी, इस बार शिक्षक भर्ती के आवेदन पेपर ही लेकर चंपत हो गई एजेंसी
x

उत्तर प्रदेश शीक्षा विभाग में फिर गड़बड़ी सामने आई है.जिसमें आवेदकों के पेपर एजेंसी लेकर गायब हो गई है.

प्रधानाचार्यों के 599 पदों को भरने के लिए 31 दिसंबर 2013 को विज्ञापन जारी हुआ था। उस समय प्राइवेट एजेंसी ने आवेदन फीडिंग का कार्य किया था। लेकिन 9 अप्रैल 2018 को नए सिरे से चयन बोर्ड का गठन होने के बाद से एजेंसी लापता हो गई है...

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में एक और कारस्तानी सामने आई है। मालूम चला है कि साल 2013 को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्य भर्ती हेतु लिए गए आवेदन के कुछ रिकॉर्ड कम्प्यूटर एजेंसी ही लेकर भाग गई है।

एजेंसी के चंपत होने के बाद अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के जरूरत से ज्यादा जिम्मेदार पढ़ाकू अफसर एजेंसी की तल्लीनता से खोजबीन में जुटे हैं। ताकि उनके पास मौजूद दस्तावेज से पहचान कर इंटरव्यू कराये जा सकें।

गौरतलब है कि प्रधानाचार्यों के 599 पदों को भरने के लिए 31 दिसंबर 2013 को विज्ञापन जारी हुआ था। उस समय प्राइवेट एजेंसी ने आवेदन फीडिंग का कार्य किया था। लेकिन 9 अप्रैल 2018 को नए सिरे से चयन बोर्ड का गठन होने के बाद से एजेंसी लापता हो गई है। सूत्रों की माने तो एजेंसी संचालक जेल में है।

बता दें कि पिछले वर्ष चयन बोर्ड ने इस भर्ती के लिए फाइलों की जांच-पड़ताल, फार्मों की छंटनी आदि का काम किया था। लेकिन फॉर्मों की फीडिंग का काम प्राइवेट एजेंसी ने ही किया था। अब प्रयास हो रहा है कि एजेंसी मिल जाए तो चयन बोर्ड के पास उपलब्ध रिकॉर्ड का मिलान फीड डाटा से कर लिया जाए। उसके बाद केजिंग करके इंटरव्यू शुरू कराया जाए।

15 जून को चयन बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। सदस्य दिनेशमणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है ताकि समस्याएं दूर करते हुए साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसका विकल्प भी खोजा जा रहा है। अगस्त में इंटरव्यू शुरू करने की कोशिश है।

बताया जा रहा है कि चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार ने 9 अप्रैल 2018 को पद संभालने के बाद से कोई काम प्राइवेट एजेंसी से नहीं कराया। उन्होंने चयन से संबंधित सारे काम एनआईसी को दिए ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके। लेकिन पूर्व में जो गड़बड़ियां हो चुकी हैं, उससे परेशानी खड़ी है।

वर्ष 2013 की अखिलेश सरकार में 599 पदों पर भर्ती के लिए जो प्रक्रिया शुरू हुई थी उसमें, 25031 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जिनमें से 4193 शार्टलिस्टेड हुए आवेदकों का साक्षात्कार होना है। यह भर्ती का विज्ञापन 31 दिसंबर 2013 को निकला था तथा आवेदन की अंतिम तारीख 25 फरवरी 2014 रखी गई थी।

Next Story