Begin typing your search above and press return to search.
शिक्षा

UP शिक्षक भर्ती परीक्षा के टॉपर को राष्ट्रपति का नाम नहीं मालूम, सामान्य ज्ञान भी शून्य

Janjwar Desk
10 Jun 2020 8:00 AM GMT
UP शिक्षक भर्ती परीक्षा के टॉपर को राष्ट्रपति का नाम नहीं मालूम, सामान्य ज्ञान भी शून्य
x
file photo
शिक्षक भर्ती में जालसाजी के आरोप में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। क्या आप विश्वास करेंगे कि यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती में टॉपर को देश के राष्ट्रपति का नाम नहीं मालूम है। सामान्य ज्ञान के साधारण से सवालों का जवाब उसे नहीं आता। दरअसल पैसे देकर पास होने वाले ज़्यादातर अभ्यर्थी शिक्षक बनने योग्य नहीं हैं।

धर्मेंद्र पटेल नाम के टॉपर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस अफसरों ने जब उससे देश के राष्ट्रपति का नाम पूछने के साथ ही सामान्य ज्ञान के साधारण से सवाल पूछे तो वह उनमें से किसी का जवाब नहीं दे सका था। धर्मेंद्र को डेढ़ सौ में से एक सौ बयालीस नंबर मिले थे। शिक्षक भर्ती परीक्षा के कई जिलों के तमाम सेंटर्स पर रद्द होने का खतरा मंडराने लगा है।

सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में धांधली को लेकर मंगलवार 9 जून को उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षामंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती में जालसाजी के आरोप में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है।

शिक्षा मंत्री द्विवेदी ने बताया कि 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लखनऊ खंडपीठ के आदेश के तहत रुक गई है। आगे जो आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा। इस भर्ती मामले में एक शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद पुलिस ने लगभग 11 लोगों को गिरफ्तार किया।

ये गिरोह पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्रयागराज से साठ गांठ कर परीक्षार्थियों की गैर कानूनी ढंग से मदद कर उनसे पैसे की वसूली करता था। ये पूरा मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया है। परीक्षा केंद्र को भविष्य में होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए डिबार किया गया है। उसके प्रबंधक और संबंधित स्टाफ जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर पुलिस प्रशासन लगातार छापेमारी कर रहा है। यही नहीं अब ये जांच एसटीएफ करेगी। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के उनहत्तर हज़ार पदों पर होने वाली भर्ती में सेंधमारी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसने के बाद अब उन अभ्यर्थियों की धर-पकड़ की जाने लगी है, जिन्होंने गिरोह के लोगों को पैसे देकर यह परीक्षा पास की है और उनका सेलेक्शन होना तकरीबन तय सा है।

पुलिस इस भर्ती परीक्षा के टॉपर समेत दो सफल अभ्यर्थियों को जेल भेज भी चुकी है। पुलिस को अब इस बात के पुख्ता सबूत भी मिल गए हैं कि भर्ती परीक्षा का पेपर प्रयागराज से लीक किया गया था। पेपर लीक मामले में यूपी के एक कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि रह चुके बीजेपी नेता का अहम रोल होने की भी बात सामने आई है। एक दूसरी परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में यह नेता कई महीनों तक जेल में रहने के बाद कुछ दिनों पहले ही जमानत पर छूटा है।

अब तक की जांच में यह सामने आया है कि प्रयागराज में पिछले हफ्ते पकड़े गये गिरोह का नेटवर्क यूपी के कई जिलों में फैला हुआ था। गिरफ्तार लोगों ने अब तक पचास से ज़्यादा लोगों को आठ से दस लाख रूपये लेकर पास कराने की बात कबूली है। हालांकि मामले की जांच से जुड़े पुलिस अफसरों को अंदेशा है कि पैसे देकर पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कई सौ से ज़्यादा है। पुलिस अब गिरोह के ज़रिये पास होने वाले बाकी सफल अभ्यर्थियों पर भी शिकंजा कसने और उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी में है।

गिरोह का लम्बा नेटवर्क होने की वजह से मामले की जांच कर रही प्रयागराज पुलिस ने अब सरकार से इस मामले की जांच एसटीएफ या किसी दूसरी एजेंसी से कराए जाने की सिफारिश कर दी है। सिफारिश को औपचारिक तौर पर लखनऊ भेज भी दिया गया है। सरकार एक से दो दिनों में इस गिरोह से जुड़े मामलों की जांच के लिए एसटीएफ या किसी दूसरी एजेंसी के नाम का एलान कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 37339 पदों को होल्ड किया

इस बीच उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश में 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती मामले में नया मोड आया है। उच्चतम न्यायालय ने शिक्षामित्रों की अर्जी पर 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने पिछली सुनवाई में यूपी सरकार से चार्ट के जरिए ये बताने को कहा था कि आरक्षित वर्ग के लिए तय 40 फीसदी और जनरल के लिए 45 फीसदी के कटऑफ पर कितने शिक्षामित्र पास हुए हैं, इसका डाटा चार्ट दिया जाए, लेकिन शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45, 357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म भरा था, जिसमें से 8018 शिक्षामित्र 60-65 फीसद अंक के साथ पास हुए।

शिक्षामित्रों का ये भी कहना है कि इसमें आश्चर्यजनक बात ये है कि किसी के पास इसकी जानकारी नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 के कटऑफ पर पास हुए थे। इसीलिए श‍िक्षामित्र मांग कर रहे हैं कि 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व में रखकर बाकी बचे पदों पर सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही स्टे किया जाए।

इस भर्ती पर 3 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सुनवाई के बाद पहले ही स्टे लगा रखा है। अब बुधवार यानी 10 जून को हाईकोर्ट खंडपीठ अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में अगर बेंच भर्ती से स्टे हटा भी लेती है तो 37339 पदों को रोककर ही भर्ती होगी। इसकी वजह ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम आदेश दे दिया है।

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन जून को उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर सुनवाई करके अंतरिम रोक लगा दी थी। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने सहायक शिक्षकों के घोषित रिजल्ट में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाए थे। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई। इसकी अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। 2 जून को ही सहायक शिक्षकों के 69000 पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई थी।

Next Story

विविध