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पर्यावरण

Air Pollution : वायु प्रदूषण से दिल्ली में 10 साल तो लखनऊ में साढ़े 9 साल छोटी हो रही जिंदगी- रिपोर्ट

Janjwar Desk
14 Jun 2022 12:09 PM IST
Air Pollution : वायु प्रदूषण से दिल्ली में 10 साल तो लखनऊ में साढ़े  9 साल छोटी हो रही जिंदगी- रिपोर्ट
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Air Pollution : वायु प्रदूषण से दिल्ली में 10 साल तो लखनऊ में साढ़े 9 साल छोटी हो रही जिंदगी- रिपोर्ट

Air Pollution : रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान जिससे जीवन प्रत्याशा 1.5 वर्ष घटती है और बाल कुपोषण एवं मातृ कुपोषण में 1.8 वर्ष कम हो जाती है, उसकी तुलना में वायु प्रदूषण अधिक घातक है....

Air Pollution : देश की राजधानी दिल्ली (Air Pollution In Delhi) में वायु प्रदूषण से जिंदगी करीब दस साल कम हो रही है जबकि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Air Pollution In Lucknow) में जिंदगी 9.5 साल छोटी हो रही है। यह जानकारी शिकागो यूनिवर्सिटी के उर्जा नीति संस्थान द्वारा जारी नई वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक से सामने आई है। यह एक प्रदूषण सूचकांक है जो वायु प्रदूषण का जीवन प्रत्याशा पर पड़ते प्रभाव के बारे में बताता है।

रिपोर्ट में भारत में सिंधु-गंगा का मैदान दुनिया का सबसे प्रदूषित क्षेत्र बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यदि वर्तमान प्रदूषण (Pollution) का स्तर बना रहता है, तो पंजाब से लेकर पंश्चिम बंगाल (West Bengal) तक पचास करोड़ से ज्यादा लोगों की जिंदगी औसतन 7.6 साल छोटी हो सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान (Smoking) जिससे जीवन प्रत्याशा 1.5 वर्ष घटती है और बाल कुपोषण एवं मातृ कुपोषण में 1.8 वर्ष कम हो जाती है, उसकी तुलना में वायु प्रदूषण (Air Pollution) अधिक घातक है।

बांग्लादेश के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित (World Most Polluted Country) देश है। 2020 में पीएम 2.5 के स्तर के साथ विशाल सिंधु-गंगा का मैदान 76.2 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर बनाम 75.8 यूजी/एम 3 के साथ सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया है।

भारत का औसत पीएम 2.5 के स्तर पर प्रदूषण 5.8 से बहुत कम है लेकिन उत्तर भारत में प्रदूषण (Air Pollution In India) इससे ज्यादा है, जबकि शेष भारत का पीएम 2.5 स्तर औऱ भी कम होकर 40 माइक्रोग्राम/घन मीटर से कम है।

राजधानी दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 107.6 मापा गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की सुरक्षित सीमा से दस गुना ज्यादा है। पीएम 2.5 जहरीले पदार्थों से बना एक अत्यंत सूक्ष्म कण है जो फेफड़ों और अन्य अंगों में गहराई तक जमा हो जाता है, शरीर के सुरक्षा तंत्र को पछाड़ देता है।

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