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पर्यावरण

आज CM धामी के आने से पहले ही सिंहधर में मंदिर हुआ ध्वस्त, 600 परिवारों को तत्काल शिफ्ट करने का आदेश

Janjwar Desk
7 Jan 2023 12:21 PM IST
आज CM धामी के आने से पहले ही सिंहधर में मंदिर हुआ ध्वस्त, 600 परिवारों को तत्काल शिफ्ट करने का आदेश
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आज CM धामी के आने से पहले ही सिंहधर में मंदिर हुआ ध्वस्त, 600 परिवारों को तत्काल शिफ्ट करने का आदेश

Joshimath Sinking : तबाही के मुहाने पर पहुंच चुके जोशीमठ का निरीक्षण करने के लिए आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आने से पूर्व ही शुक्रवार देर रात में सिंगधर वार्ड का यह मंदिर ध्वस्त हो गया...

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ का दौरा करने के लिए आने वाले मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले ही एक मंदिर भू धंसाव की चपेट में आकर ध्वस्त हो गया। हालांकि इस मंदिर के ध्वस्त होने से कोई जनहानि नहीं हुई है। इस मंदिर में आई दरारों के लगातार बढ़ते जाने के कारण 15 दिन पूर्व ही इस मंदिर को खाली करा लिया गया था। इसके साथ ही जमीन धंसने के कारण जिन 600 घरों में दरारें आ गई हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

तबाही के मुहाने पर पहुंच चुके जोशीमठ का निरीक्षण करने के लिए आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आने से पूर्व ही शुक्रवार देर रात में सिंगधर वार्ड का यह मंदिर ध्वस्त हो गया। घटना के वक्त मंदिर के अंदर कोई मौजूद नहीं था। मंदिर को बड़ी बड़ी दरारें आने के बाद करीब 15 दिन खाली कर कर दिया गया था, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई।

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में बड़ी आपदा की आशंका से दहशत बढ़ गई है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक मंदिर और कई घरों के ढहने के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए आज शनिवार को धंसते शहर जोशीमठ का दौरा करेंगे, लेकिन इससे पहले ही उनकी तरफ से लगभग 600 परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दिए जा चुके हैं।

अधिकारियों को जोशीमठ में घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है। इन घरों में भारी दरारें आ गई हैं और वह कभी भी ढह सकते हैं। बताया जा रहा है कि उन परिवारों को हेलिकॉप्टर के जरिए बाहर निकाला जाएगा। डेंजर जोन, सीवर और ड्रेनेज के ट्रीटमेंट के काम में तेजी लाने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जमीन पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो और लोगों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था भी की जाए। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने कहा कि कई घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। ऐसे में करीब 50 परिवारों को पहले ही रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया।

चीन सीमा से संपर्क टूटने का खतरा

सामरिक महत्व के बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ के भी भूधंसाव की चपेट में आने के कारण खतरा बढ़ चुका है। राजमार्ग पर जगह जगह आईं बड़ी-बड़ी दरारें चिंता का कारण बन गई हैं। यदि दरारें थोड़ा भी और चौड़ी हुई तो हाईवे का एक बड़ा हिस्सा कभी भी जमींदोज हो सकता है। ऐसे हालात में भारतीय सेना चीन की सीमा से कट सकती है। सीमांत जिले चमोली के जोशीमठ से बदरीनाथ की दूरी करीब 46 किमी है। बदरीनाथ से आगे का रास्ता चीन सीमा की ओर जाता है। जोशीमठ प्रमुख हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों जैसे बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का प्रवेश द्वार है। यह चीन के साथ भारत की सीमा के पास प्रमुख सैन्य ठिकानों में से एक है।

निर्माण कार्य पर पहले ही लग चुकी है रोक

धंसते जोशीमठ की स्थिति को देखते हुए चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। इसके अलावा औली रोपवे का संचालन भी बड़ी दरार विकसित होने के बाद रोक दिया गया है।

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