बिना वैक्सीन महाभियान के खुशनुमा होर्डिंगों के बीच जनता ने फ्री में गर्मी और बारिश के लिए भी कहा 'धन्यवाद मोदी जी'
लखनऊ के एक वैक्सीनेशन सेंटर में लगवाया गया धन्यवाद मोदीजी का पोस्टर.जबकि सच्चाई जो है वह कुछ और कहती है.
जनज्वार, कानपुर। मौजूदा सरकार का यह इतिहास भी लिखा जाएगा की जब जनता मर रही थी तब सत्तानशीं चुनाव में व्यस्त रहे। होर्डिगें, पोस्टर और विज्ञापन चलते रहे। कोविड (Covid-19) की दूसरी लहर से उपजे कहर में जनता मरती रही, और साहब लोग मुस्कुराते रहे।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बनारस, लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद सहित कानपुर में मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाटों पर जगह कम पड़ रही थी। सरकार अपनी नाकामियों पर झूठ और जुमलों का वैक्सीनेशन (Vaccination) करवा रही थी। 21 मई को तमाम अखबारों में इश्तेहार दिए गये 'वैक्सीन का महाभियान।'
वैक्सीनेशन अब भी चल रहा है, खूब जोर-शोर से। रोजाना 80 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही है और दावा है कि हम वैक्सीनेशन के मामले में अमेरिका (America) से भी आगे निकल चुके हैं। लेकिन किसी देश से आगे निकलने के अपने दावे के आगे सरकार ने अपनी जनता को यह नहीं बताया कि उसके देश की आबादी अमेरिका से बहुत अधिक है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में वैक्सीन नहीं है। कल जिला पंचायत (Jila Panchayat) का चुनाव निपटा है, यह लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक था। किसी की जान से भी जादा, क्योंकि यह सरकार और सत्ता के दंभ-अहम की बिसात थी। योगी सरकार अपने 'तिकड़म में फर्स्ट डिवीजन पास' हुई है, उसे जिला पंचायत में बढ़िया नंबर मिले हैं।
वैक्सीन लगवाने गई बिना वैक्सीनेशन लौटती जनता को किल्लत के बीच सोमवार को आने के लिए कहा गया है। अकेले कानपुर (Kanpur) में आधा सैंकड़ा से अधिक वैक्सीनेशन सेंटर तो बने लेकिन उनमें लगाने के लिए वैक्सीन की डोज नहीं है। कमोबेश यही हाल सूबे के अधिकतर जिलों का है।
वैक्सीन सेंटर में वैक्सीनें भले ही ना हों लेकिन पोस्टरों होर्डिगों में वैक्सीनेशन के लिए 'धन्यवाद मोदी जी' के कई चित्र चस्पा हैं। साथ में स्थानीय नेता भी हैं होर्डिंगों में जो अपने केंद्रीय संगठन के साथ खड़े दांत दिखा रहे हैं उसे जिसने उन्हें वोट देकर माननीय बनाया और खुद कड़ी धूप में 'प्लास्टिक की चप्पलों' में घूम रहे हैं।
गोविंदनगर के जागेश्वर अस्पताल में वैक्सीन लगवाने पहुँचे कोयलानगर निवासी 48 वर्षीय सुरेश चंद्र व उनकी 45 साल की पत्नी अनीता बिना वैक्सीन लगवाए वापस जा रहे थे। इतनी दूर से वैक्सीन लगवाने आए निराश होकर लौटते सुरेश सामने लगे 'धन्यवाद मोदी जी' (Thank You Modiji) के पोस्टर को निहार रहे थे। उनके साथ उनकी दो छोटी बच्चियां भी थीं।
तीसरी लहर (Third Wave) आने की चेतावनी जारी हो चुकी है। उम्मीद है पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है अब आ भी जाए। ऐसे में बच्चों को अधिक खतरा बताया गया है। लेकिन अभी जब वैक्सीन से बड़े ही मरहूम हैं तो छोटों का आसरा करते-करते कई साल निकल जाने की आशा करनी चाहिए।
गोविंदनगर के रहने वाले 32 साल के दीपक अरोड़ा पत्नी 25 वर्षीय सपना अरोड़ा के साथ वैक्सीन लगवाने गये थे। पत्नी-पत्नी दोनो चश्मा लगाये थे। कारण पूछने पर कहते हैं कि 'हमने सोंचा था कि वैक्सीन लगवाते हुए सेल्फी (SELFIE) लेंगे और शोसल मीडिया में डालकर औरों को भी जागरूक करेंगे, लेकिन यहां आकर बताया गया कि वैक्सीन ही नहीं है।'
वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीन हो ना हो, आपको डोज (Dose) लगे ना लगे लेकिन पीएम मोदी को धन्यवाद बोलते रहिए। कल शोसल मीडिया में इसी तरह के दो पोस्ट भी नजर आए जो ठीकठाक वायरल हो रहे थे। जिसमें एक पोस्ट में लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे लिखते हैं कि 'लखनऊ में फ्री में इतनी गर्मी भेजने के लिए धन्यवाद मोदी जी।' वहीं मेरठ से भी एक पोस्ट लिखा गया जिसमें कहा गया था कि 'हल्की बूंदें पड़ रही हैं, मौसम को खुशनुमा बनाने के लिए धन्यवाद मोदी जी।'