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Places of worship act news : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का दावा - खत्म होने वाला है उपासना स्थल कानून

Janjwar Desk
10 Dec 2022 5:08 AM GMT
Places of worship act news : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का दावा - खत्म होने वाला है उपासना स्थल कानून
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Places of worship act news : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का दावा - खत्म होने वाला है उपासना स्थल कानून

Places of worship act news : उपासना स्थल के विरोधियों का कहना है कि इतिहास में हुए अन्याय के लिए न्याय पाने का रास्ता भी बंद कर देने वाला उदाहरण दुनिया में कहीं भी देखने को नहीं मिलता है।

Places of worship act news : भाजपा नेता पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ( Subramaniam Swamy ) ने दावा किया ​है कि बहुत जल्द उपासना स्थल कानून खत्म होने वाला है। उनके इस ट्विट के बाद से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या केंद्र सरकार उपासना स्थल कानून (Worship Act) खत्म कर रही है? भाजपा नेता स्वामी का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म करने के लिए विधेयक लाने जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें इस बात की जानकारी कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों से मिली है।

सुब्रमण्यम स्वामी ( Subramaniam Swamy ) ने खुद भी प्लेसज ऑफ वर्शिप एक्ट को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Places Of Worship Act) में चुनौती दे रखी है। उपासना स्थल कानून में 15 अगस्त 1947 तक धार्मिक स्थलों की जो प्रकृत्ति है, उन्हीं को कायम रखने का प्रावधान किया गया है। इस कानून में अयोध्या के राम जन्मभूमि स्थल को अपवाद माना गया है।

दरअसल, पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा कि मुझे अधिकारियों से पता चला है कि उपासना स्थल कानून हटाया जा रहा है। मोदी सरकार विधेयक लाकर इस कानून को खत्म करेगी। मेरे रिट पिटिशन पर सुनवाई अब पूरी होने वाली थी। मैं यह केस जीत भी लेता, कम से कम कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए।

ये है उपासना स्थल कानून

पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 18 सितंबर 1991 को संसद से पारित हुआ। यह कानून कहता है कि 15 अगस्त, 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को दूसरे धर्म के पूजा स्थलों में नहीं बदला जा सकता है। उसका जो धार्मिक स्वरूप 15 अगस्त, 1947 को था वही आगे भी रहेगा। इस कानून का विरोध करने वाले संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हैं। पिछली तारीख से कानून लागू करना संवैधानिक नहीं हो सकता। दूसरी बात भारत पर सदियों से अलग-अलग धर्म से संबंधित आक्रमणकारियों ने आक्रमण किए और यहां के मंदिरों को तोड़ा जो बर्बर और अत्याचारी प्रवृत्ति के द्योतक हैं। इतिहास में हुए अन्याय के लिए न्याय पाने का रास्ता भी बंद कर दिया जाए, ऐसा दुनिया में कहीं और उदाहरण देखने को नहीं मिलता है।

केंद्र पर है इस बात का दबाव

Places of worship act news : बता दें कि मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और काशी में ज्ञानवापी मस्जिद पर हिंदू पक्ष अपना होने का दावा करता रहा है। ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर बने मंदिर जबकि काशी में भी काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद का मामला अदालत में है और अदालत के आदेश पर ही मस्जिद का सर्वे भी हो चुका है। हिंदू पक्ष मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा कर रहा है। इन परिस्थितियों में केंद्र सरकार पर उपासना स्थल कानून को संसद से निरस्त करवाने का काफी दबाव है।

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